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केन्‍द्रीय बजट – स्‍वास्‍थ्‍य और शिक्षा उपकर’ को व्‍यवसाय व्‍यय के रूप में अनुमति नहीं

  • विशिष्‍ट सरकारी कल्‍याण कार्यक्रमों के वित्‍त पोषण के लिए स्‍वास्‍थ्‍य एवं शिक्षा उपकर को एक अतिरिक्‍त अधिभार के रूप में लागू किया गया है

नई दिल्ली। ‘स्‍वास्‍थ्‍य एवं शिक्षा उपकर’ को व्‍यवसाय व्यय के रूप में अनुमति नहीं दी गई है। केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केन्‍द्रीय बजट 2022-23 पेश करते हुए स्‍पष्‍ट किया।

केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री ने कहा कि आयकर व्‍यवसाय आय की गणना के लिए अनुमति प्राप्‍त व्‍यय नहीं है। इसमें कर के साथ-साथ अधिभार शामिल हैं।

उन्‍होंने बताया कि ‘स्‍वास्‍थ्‍य एवं शिक्षा उपकर’ को विशिष्‍ट सरकारी कल्‍याण कार्यक्रमों के वित्‍त पोषण के लिए करदाता पर एक अतिरिक्‍त अधिभार के रूप में लागू किया गया है। यह देखते हुए कि कुछ न्‍यायालयों ने स्‍वास्‍थ्‍य एवं शिक्षा उपकरों को व्‍यापार, आय के रूप में अनुमति दी है, जो विधायी आशय के विरूद्ध है। केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री ने दोहराया कि आय और लाभ पर कोई अधिभार या उपकर व्‍यवसाय व्‍यय के रूप में अनुमति योग्‍य नहीं है।

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