नई दिल्ली, केंद्र सरकार ने कहा है कि एनडीए में कुल 370 सीटों में से 19 लड़कियों को दाखिला मिला। इस पर आपत्ति जताते हुए जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि इसे अंतरिम व्यवस्था कह सकते हैं। यह 19 की संख्या हमेशा नहीं चल सकती है। इस मामले पर मार्च में अगली सुनवाई होगी।
सुनवाई के दौरान आज याचिकाकर्ता की ओर से वकील प्रदीप चिन्मय शर्मा ने कोर्ट को बताया कि कुल 370 सीटों में से लड़कियों के लिए केवल 19 सीटें रखी गई हैं। ये सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक नहीं है। तब कोर्ट ने केंद्र से कहा कि पिछली बार जल्दबाजी में लड़कियों को परीक्षा में शामिल किया गया, क्योंकि अंतिम मौके पर कोर्ट ने दबाव बनाया था लेकिन अब 2022 में भी सीटों की संख्या 19 कैसे हो सकती है। तब केंद्र सरकार ने जवाब दिया कि सैन्य बलों की जरूरत के हिसाब से ही एनडीए में लड़कियों को सीटें दी जा सकती हैं। केंद्र सरकार ने इस पर विस्तृत हलफनामा दाखिल करने पर सहमति जताई।
सुप्रीम कोर्ट ने 21 सितंबर, 2021 को कहा था कि एनडीए में लड़कियों को दाखिला न देना लैंगिक आधार पर भेदभाव है। रक्षा मंत्रालय ने हलफनामा के जरिये कहा था कि मई 2022 से एनडीए की प्रवेश परीक्षा में महिलाएं भी हिस्सा लेंगी। कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि ऐसा करना उन योग्य लड़कियों के अधिकारों का हनन है, जो सेना में शामिल होकर देश की सेवा करना चाहती हैं।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 फरवरी, 2020 को सेना में महिलाओं के कमांडिग पदों पर स्थायी कमीशन देने का आदेश जारी किया था। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि महिलाओं को युद्ध के सिवाय हर क्षेत्र में स्थायी कमीशन दिया जाए।
साभार-हिस