नई दिल्ली, शिक्षा राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह ने मंगलवार को शैक्षणिक संस्थानों में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। वह शैक्षिक संस्थानों में नवाचार संबंधी इकोसिस्टम के निर्माण विषय पर दो दिवसीय ई-संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
राजकुमार रंजन ने कहा कि भारत में शैक्षणिक संस्थानों को ऐसा माहौल बनाने की जरूरत है जो उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान, नवाचारों और उद्यमिता का समर्थन करें जिससे व्यावसायीकरण और प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण हो सके। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक नए और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को सहायक पारिस्थितिकी तंत्र और नवोन्मेषकों और उद्यमियों के समर्पण और प्रयासों से प्राप्त किया जा सकता है।
उन्होंने 10 जनवरी से शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय नवाचार प्रतियोगिता, स्मार्ट इंडिया हैकथॉन, युक्ति 2.0 और टॉयकैथॉन जैसे विभिन्न कार्यक्रमों के विजेताओं को बधाई देते हुये कहा कि मैं हैकाथॉन के सभी विजेताओं को बधाई देता हूं और आगे के काम के लिए उनकी भागीदारी जारी रखने की कामना करता हूं
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल डी सहस्रबुद्धे ने कहा कि यह नवाचार सप्ताह नवाचार में रूचि रखने वाले युवाओं को रचनात्मक विचारों के माध्यम से समाज की समस्याओं को हल करने और आने वाली चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए प्रेरित करेगा। इस प्रस्तावित संगोष्ठी में निवेश, परामर्श आदि जैसे नवाचार प्रणाली के निर्माण से जुड़े प्रमुख पहलुओं पर प्रकाश डाला जाएगा और हमें विश्वास है कि यह संगोष्ठी हमारे शैक्षणिक संस्थानों को अपने परिसरों के भीतर नवाचार संबंधी इकोसिस्टम के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। जैसाकि भारत में स्टार्ट-अप की संख्या में जबरदस्त वृद्धि देखी जा रही है, समग्र नवाचार संस्कृति बनाने के समेकित प्रयास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के अनुरूप आत्मनिर्भर भारत और 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
शिक्षा मंत्रालय के नवाचार प्रकोष्ठ (इनोवेशन सेल) के मुख्य नवाचार अधिकारी (चीफ इनोवेशन ऑफिसर) डॉ. अभय जेरे ने कहा कि यह नवाचार सप्ताह नवाचार में संलग्न सभी लोगों के लिए अपने काम का प्रदर्शन करने और युवाओं को उद्यमशीलता से जुड़ी अपनी यात्रा को और अधिक गंभीरता से लेने के लिए प्रेरित करने का एक अवसर है ताकि भारत वैश्विक स्तर पर नवाचार और स्टार्ट-अप के एक केन्द्र के रूप में उभर सके। उन्होंने कहा कि नवाचार प्रकोष्ठ (इनोवेशन सेल) के रूप में, हम कई नवाचार एवं उद्यमिता संबंधी पहल कर रहे हैं और इस संगोष्ठी के माध्यम से हम अपने शैक्षणिक संस्थानों को अपने साथ मिलकर काम करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहेंगे ताकि परिसर के भीतर एक स्थायी इकोसिस्टम स्थापित हो सके।
कार्यक्रम में बड़े पैमाने पर शैक्षणिक संस्थानों, स्कूलों, उद्योग, स्टार्ट-अप और निवेशक समुदाय की भागीदारी रही।
साभार-हिस