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63 करोड़ रुपये की लागत से उत्तराखंड के गुनियाल गांव के पुरकुल में हो रहा सैन्य धाम का निर्माण
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आज सेना अपनी सुविधा के अनुसार कार्य कर सकती है, इससे पहले नहीं थी सेना को स्वतंत्रता
देहरादून,रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को उत्तराखंड के गुनियाल गांव के पुरकुल में बनाए जा रहे ‘सैन्य धाम’ का शिलान्यास किया। उन्होंने शहीदाें को नमन करते हुए कहा कि इस धाम को उत्तराखंड के चार धामों के बाद पांचवें धाम ‘सैन्य धाम’ के रूप में सम्मान दिया जाएगा। इस अवसर पर रक्षामंत्री ने दो सौ शहीदों के परिजनों को भी सम्मानित किया।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना के शौर्य और शहीदों को याद करते हुए कहा कि भारतीय सेना के हाथ यदि पहले खुले होते तो दुश्मनों का सफाया हो जाता। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने सेना के हाथ नहीं बांधे हैं, आज सेना अपनी सुविधा के अनुसार कार्य कर सकती है। उन्होंने कहा कि इससे पहले सेना को स्वतंत्रता नहीं थी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के आने के बाद सैनिकों का मनोबल बढ़ा है और वह मुक्त रूप से काम कर रहे हैं। उन्होंने इसके कई उदाहरण दिए। कहा कि सेना राष्ट्र रक्षा में पूरी तरह सक्षम है। हमारे जवान और अधिकारी सीमांत क्षेत्रों में रहकर पूरी तरह राष्ट्र रक्षण में जुटे हुए हैं।
देहरादून के गुनियाल गांव पुरुकुल में 63 करोड़ रुपये की लागत से विशाल सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है। यह धाम लगभग 50 बीघा क्षेत्र में बन रहा है। इसे बनाने के लिए दो वर्ष का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस सैन्य धाम के लिए प्रदेश के 1434 शहीदों के घरों के आंगन की मिट्टी लाई गई है, जिसका सैन्य धाम में प्रयोग किया जा रहा है। उत्तराखंड के वीर सपूत और प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम पर यहां मुख्य द्वारा बनाया जाएगा।
इस सैन्य धाम की स्थापना के लिए 15 नवंबर से कलश यात्रा प्रारंभ हुई थी और शहीदों के आंगन की मिट्टी यहां लाई गई थी। इसके लिए प्रदेश के मंत्री गणेश जोशी, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और अन्य मंत्रियों ने विशेष प्रयास किया।
कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, मंत्री गणेश जोशी, भाजपा नेता ज्योति गैरोला समेत तमाम विशिष्टजन उपस्थित थे। इससे पूर्व मुख्यमंत्री धामी ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के पहुंचने पर स्वागत किया।
साभार-हिस