मुंबई, एलगार परिषद मामले में बुधवार को मुंबई की विशेष कोर्ट ने आरोपित सुधा भारद्वाज को मुंबई न छोडऩे की शर्त पर 50 हजार रुपये भरने पर जमानत देने का आदेश जारी किया है। कोर्ट ने सुधा भारद्वाज को जमानत के दौरान मुंबई में रहने का पता भी जांच एजेंसी को बताने का आदेश दिया है।
सुधा भारद्वाज को 1 दिसंबर को हाईकोर्ट ने डिफाल्ट जमानत देने का आदेश दिया था लेकिन जमानत की शर्त तय करने के लिए उन्हें विशेष कोर्ट में जाने को कहा था। इसी वजह से आज विशेष कोर्ट के जज डी. ई. कोथलीकर के समक्ष सुधा भारद्वाज की ओर से वकील युग चौधरी पेश हुए थे। युग चौधरी ने कोर्ट को बताया कि सुधा भारद्वाज छत्तीसगढ़ में वकालत करती हैं, इसलिए उन्हें वहां जाने की रियायत दी जाए लेकिन कोर्ट ने युग चौधरी की इस मांग को अमान्य कर दिया। कोर्ट ने सुधा भारद्वाज के निकटस्थ तीन लोगों का पता भी जांच एजेंसी को देने का आदेश दिया है।
उल्लेखनीय है कि भीमा कोरेगांव में 31 दिसंबर, 2017 को पुणे स्थित शनिवारवाड़ा में एलगार परिषद का आयोजन किया गया। इसके बाद 1 जनवरी, 2018 को पुणे के ही भीमा -कोरेगांव में हिंसा हुई थी। इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और करोड़ों रुपये संपत्ति का नुकसान हुआ था। सुधा भारद्वाज को इसी मामले में पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद इस मामले की जांच राज्य सरकार ने नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिया था।
सुधा भारद्वाज को अक्टूबर 2018 में गिरफ्तार किया गया था। तब से सुधा भारद्वाज को मुंबई स्थित भायखला महिला जेल में रखा गया है। विशेष कोर्ट की ओर से तय शर्तों को पूरा होने के बाद आज शाम तक अथवा कल तक सुधा भारद्वाज को जेल से रिहाई मिल सकती है।
साभार-हिस