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ओमिक्रॉन को लेकर सतर्क मप्र, मुख्यमंत्री ने कहा- मैं मास्क लगाने के प्रति जन जागरूकता पर निकलूंगा

भोपाल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पिछले दिनों भोपाल, इंदौर और जबलपुर में लगातार कोरोना पॉजिटिव केस आ रहे हैं। कोरोना मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। अलग-अलग लोकेशन पर मरीज मिले हैं। यह हमें आगाह करने के लिए काफी है। कोरोना टेस्ट हम लगातार कर रहे हैं। जो लक्षण दिखाई दे रहे हैं वह आने वाले संकट की आहट हैं। जरूरी है कि हम प्राण-प्रण से पूरी सावधानी रखें। उक्त बातें मुख्यमंत्री चौहान ने बुधवार को अपने निवास से वीडियो कॉफ्रेंस द्वारा प्रदेश के सभी कलेक्टर और क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों के सदस्यों को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने दक्षिण अफ्रीका के कुछ देशों में आए नए कोरोना वेरिएंट और उसके प्रभावों के संबंध में प्रेजेंटेशन दिया।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण और टीकाकरण की वर्तमान स्थिति और नए वेरिएंट के प्रसार के संबंध में क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी के सदस्यों को मालूम होना जरूरी है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मैं कलेक्टर्स को निर्देश देता हूँ कि प्रयासों में कोई कमी न रखें। जन-जागरूकता बनी रहे। क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी के सदस्यों का पूरे सम्मान से सक्रिय भूमिका के लिए आह्वान किया जाए।

मास्क लगवाने जनता के बीच जाएंगे चौहान

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मैं मास्क लगाने के प्रति जन-जागरूकता के लिए निकलूंगा। आप भी मास्क लगाएं और लोगों को मास्क लगाने का आग्रह करें। मास्क के फायदे ही फायदे हैं। इलाज की व्यवस्था हम करेंगे ही, ये उपाय अभी हम कर लेंगे तो संक्रमण ज्यादा नहीं फैलेगा। मैं जन-प्रतिनिधियों से अपील करना चाहता हूँ कि आपको दस्तक देना है मास्क और टीकाकरण के लिए। आज महाअभियान है। आगे भी दिसंबर माह में महाअभियान की तिथि तय करेंगे। जिन जिलों में 90 प्रतिशत से कम वैक्सीनेशन हुआ है वहाँ गति बढ़ाई जाए। दूसरे डोज के महत्व से सभी को अवगत करवाएं। राज्य शासन ने जन-सहयोग और क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी को साथ लेकर कोरोना को कंट्रोल किया है। मध्यप्रदेश का यह मॉडल सभी जगह सराहा गया है।

समय है हम चेत जाएं

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हर संकट में हम सबका बेहतरीन नेतृत्व किया है। उन्होंने सावधानियों के संबंध में जनता को मैसेज दिया है। यह सही समय है जब हम चेत जाएं। यदि आज हमने सावधानी नहीं रखी तो परिस्थितियाँ संकटपूर्ण हो जाएंगी। मैं नहीं चाहता कि फिर लॉकडाउन की परिस्थितियाँ बनें और जिंदगी कठिन दौर से गुजरे।

अस्पतालों में जाकर देखें व्यवस्थाएं

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना के नए वेरिएंट के बारे में सावधानी जरूरी है। सभी सावधानियां और व्यवस्थाएं करने के मैंने निर्देश दिए हैं। संबंधित अधिकारी अस्पताल जाकर, देखेंगे कि वहाँ व्यवस्था कैसी है। मेरे लिए वैक्सीन के सेकंड डोज लगाने से बड़ा कोई काम नहीं है इसे हर हालत में पूरा करिए। बाकी सभी व्यवस्थाएँ करने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। अस्पतालों का निरीक्षण कर औषधियों की व्यवस्था, उपकरणों की उपलब्धता और ऑक्सीजन संयंत्रों के कार्यशील रहने की जानकारी प्राप्त करें।

अनावश्यक भीड़ से बचें

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बच्चों की स्कूल में उपस्थिति संख्या 50 प्रतिशत की गयी है, क्योंकि उन्हें टीका नहीं लगा है। मैं प्रतिबंध लगवाना भी नहीं चाहता। शादी-विवाह और बाजार में आपत्ति नहीं है, लेकिन अनावश्यक भीड़ से बचें। संक्रमण का प्रसार न हो इसके लिये हमें लोगों को शिक्षित करना पड़ेगा। मास्क लगाकर, सावधानी रखकर, हम बड़े संकट से बच सकते हैं। हमारे पास पर्याप्त मात्रा में दवाइयाँ उपलब्ध हैं।

जिलों में मॉक ड्रिल करें

चौहान ने कहा कि सभी के लिए सेकेण्ड डोज़ लगना जरूरी है, यह सबसे बड़ी प्राथमिकता है। व्यवस्थाएँ चाक-चौबंद रखें, लहर न आने दें, यही चुनौती है। मीडिया भी जनता को शिक्षित कर पूर्व के अनुसार सहयोग दें। यह पुण्य का कार्य होगा, सावधानी रखें, प्रयासों में कमी न हो। नए वेरिएंट से हम सभी चिंतित हैं, लेकिन सावधान रहें। जन-प्रतिनिधि और क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों के सदस्य फेस मास्क का उपयोग करने और घर-घर दस्तक देकर वेक्सीन का दूसरा डोज लगवाने प्रेरित करें। बार-बार हाथ धोने और सोशल डिस्टेंसिंग पर ध्यान दें। अस्पताल का निरीक्षण कर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। सभी ऑक्सीजन प्लांट कार्यशील रहें।

उन्होंने कहा कि संक्रमण की आशंका को ध्यान में रखकर सजग-सतर्क रहें। सभी जिलों में कलेक्टर्स मॉक ड्रिल करें, ऑक्सीजन संयंत्र और अग्निशमन उपकरण भी चेक करवा लें। आवश्यक मानव संसाधन उपलब्ध रखें और अमले को प्रशिक्षण देना सुनिश्चित करें। तीसरी लहर आने ही न दें। प्रभारी मंत्री क्राइसिस मेनेजमेंट कमेटी के सभी सदस्यों, धर्म-गुरुओं और सामाजिक संगठनों से चर्चा कर ऐहतियात के उपाय देखें और परखें। लड़ाई मिलकर लड़ना है। पंचायतों की कमेटियां भी सक्रिय रहें।
साभार-हिस

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