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मिशनरियों के प्रोत्साहन से बाज आएं चन्नी
उन्होंने कहा कि चंगाई सभा भारतीय दंड संहिता की धारा 420 व ड्रग तथा मैजिक रेमेडी कानून 1954 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। यदि वे कुछ शब्दों के उच्चारण से किसी को ठीक कर सकते हैं तो दुनिया के करोड़ों मरीजों को ठीक क्यों नहीं करते? कोरोना महामारी से तो करोड़ों लोगों की मृत्यु हो गई जिनमें कई पादरी भी शामिल थे। यदि इनके पास वास्तव में कोई शक्ति है तो इन सब को क्यों नहीं बचा लिया गया? यह केवल धोखाधड़ी भरा कृत्य है जिसमें भोले भाले लोगों को फंसा कर धर्मान्तरित किया जाता है। दुर्भाग्य से मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठे श्री चन्नी जैसे कुछ लोग इस घिनौने षड्यंत्र के भागीदार बन रहे हैं। विहिप उनको परामर्श देती है कि संविधान की रक्षा करने की अपनी शपथ का वे सम्मान बनाए रखें और अवैध धर्मांतरण की किसी गतिविधि को प्रोत्साहन न दें। विहिप समाज का आह्वान करती है कि पूरे देश में कहीं भी चंगाई सभा जैसे अपराध ना होने दिए जाएं ।
डॉ जैन ने यह भी कहा कि अवैध धर्मांतरण के दुष्परिणामों के बारे में भारत से ज्यादा कौन समझता है। भारत का विभाजन, कश्मीर की समस्या, जेहादी आतंकवाद, पूर्वोत्तर का आतंकवाद व लव जिहाद जैसी समस्याएं धर्मांतरण के कारण ही हुई है। इसलिए विहिप केंद्र व राज्य सरकारों से अपील करती है कि वे अवैध धर्मांतरण को रोकने के लिए अविलंब कानून बनाए जिससे भारत को धर्मांतरण के अभिशाप से मुक्त कराया जा सके। अभी तक केवल 11 राज्यों में अवैध धर्मांतरण को रोकने के लिए कानून है जबकि समस्या राष्ट्रव्यापी है जो राष्ट्र की सुरक्षा के लिए भी खतरा निर्माण कर रही है। इसलिए सभी सरकारों को सजग होकर इस दिशा में अति शीघ्र कार्यवाही करनी चाहिए।