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झांसी में ‘राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व’ का किया उद्घाटन, 19 को प्रधानमंत्री मोदी शामिल होंगे
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आजादी के बाद महिलाओं को राष्ट्र-रक्षा में नहीं मिली भागीदारी लेकिन अब हालात बदले
नई दिल्ली,रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज हमारा देश अनेक प्रकार की चुनौतियों का सामना कर रहा है। यह चुनौतियां न केवल समय के साथ बढ़ी हैं बल्कि उनमें विविधता और व्यापकता भी आई है। पहले सीमाई ख़तरे, फिर आतंक जैसे खतरे और अब साइबर स्पेस और अंतरिक्ष भी खतरों की जद में आ गए हैं। आजादी के बाद महिलाओं को राष्ट्र-रक्षा के काम में बहुत सक्रिय भागीदारी निभाने का मौका नहीं मिला, मगर अब हालात बहुत तेजी से बदल रहे हैं। अब सेना में भी महिलाओं के लिए हर बंद दरवाजे को खोला जा रहा है।
रक्षा मंत्री बुधवार को झांसी में ‘राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व’ के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का समापन 19 नवम्बर को होगा, जिसमें प्रधानमंत्री कई योजनाओं का शुभारंभ करने के साथ ही कई हथियार राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसमें प्रमुख रूप से स्वदेश निर्मित लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) है, जिसे प्रतीक के रूप में वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी को सौंपेंगे। इसके अलावा थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे को ड्रोन/यूएवी और नौसेना के युद्धपोतों के लिए विकसित किये गए उन्नत ईडब्ल्यू सूट भी सौंपेंगे। यह आयोजन रानी लक्ष्मीबाई के जन्मदिन पर उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के हिस्से के रूप में मनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि ‘राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व’ देश की रक्षा के प्रति हमारे संकल्प के साथ-साथ शौर्य, पराक्रम और बलिदान की भारतीय परम्परा का उत्सव है। यह पर्व जहां हमें भारत की गौरव गाथा और देश की स्वाधीनता के लिए हुए संग्रामों से जोड़ता है, वहीं यह भारत की आजादी के ‘अमृत महोत्सव’ से भी जुड़ा हुआ है। उन्होंने भीड़ देखकर कहा कि इस पूरे सभा स्थल की भव्यता और रौनक देख कर लग रहा है कि झांसी का कोना-कोना ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ पूरे जोर-शोर से मना रहा है। यह पर्व इस देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के संकल्प से जुड़ा है। इसलिए इसकी सफलता सुनिश्चित करना हम सबकी ज़िम्मेदारी है।
उत्तर प्रदेश सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि जब देश भर में कहीं भी कानून व्यवस्था को बरकरार रखने और माफ़िया राज़ पर लगाम कसने की बात सामने आती है तो उत्तर प्रदेश का नाम अपने आप सबसे आगे आ जाता है। योगीजी के शासन में गुंडे माफिया या तो बदमाशी छोड़ चुके हैं या फिर उन्हें अपने धंधे छोड़ने पर मज़बूर होना पड़ा है। अभी कल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया है। बुंदेलखंड को भी एक्सप्रेस-वे से जोड़ने का काम बड़ी तेज़ी से चल रहा है। इस देश के लिए हम क्या कर सकते हैं, हम सबको इस दिशा में सोचने की ज़रूरत है। रानी लक्ष्मीबाई ने अपने जीवन में इस पर विचार किया और एक बड़ी विदेशी ताक़त का डट कर मुक़ाबला किया। हर चुनौती के ख़िलाफ़ डट कर खड़े रहना हमारे राष्ट्र रक्षा के संकल्प का हिस्सा है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि महारानी लक्ष्मीबाई के लिए उनका एक महिला होना रणभूमि में कभी बाधा नहीं बना। नारी के अबला होने को हमारे समाज में बहुत लोग मान्यता देते हैं मगर उन्हें महारानी लक्ष्मी बाई, अवंती बाई, झलकारी बाई जैसी वीरांगनाओं से सीखना चाहिए, जिन्होंने रणभूमि में बहादुरी का परिचय दिया। अब सेना में भी महिलाओं के लिए हर बंद दरवाजे को खोला जा रहा है। हमने सेना के तीनों अंगों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई है। सैनिक स्कूलों में बच्चियों को भी एडमिशन दिया जा रहा है। जब मैं देश का गृह मंत्री था, तो मैंने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की थी कि सुरक्षा बलों में महिलाओं को 33 फीसदी प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए था। हालात बदले हैं। सभी पुलिस फोर्सेज और पैरामिलेट्री फोर्सेज में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है।
साभार-हिस