Home / National / फ्रांसीसी मिसाइल हैमर से लैस होकर अब और ज्यादा खतरनाक होगा एलसीए तेजस

फ्रांसीसी मिसाइल हैमर से लैस होकर अब और ज्यादा खतरनाक होगा एलसीए तेजस

  •  फिलहाल लड़ाकू राफेल को फ्रेंच हैमर मिसाइलों से किया जायेगा लैस

  •  मिसाइल के अगले हिस्से में लगा है नेविगेशन और गाइडेंस सिस्टम

नई दिल्ली, भारतीय वायुसेना को मिलने वाला एलसीए तेजस लड़ाकू विमान अब फ्रांसीसी मिसाइल हैमर से लैस होकर और ज्यादा खतरनाक होगा। वायुसेना ने फ्रेंच हैमर मिसाइलों के साथ तेजस की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए आपातकालीन खरीद के तहत फ्रांस को ऑर्डर दिया है। इस घातक मिसाइल से फिलहाल लड़ाकू राफेल को लैस किया जाना है। इसकी वजह से पड़ोसी चीन और पाकिस्तान बेचैन हैं। दोनों को पसीना आ रहा है। हैमर हवा से जमीन पर मार करने वाली तेज गति से उड़ने वाली मिसाइल है। इसका वजन 340 किलोग्राम है। यह 10.2 फीट लंबी होती है। इसके अगले हिस्से में नेविगेशन और गाइडेंस सिस्टम लगा होता है।

हाइली एजाइल एंड मैनोवरेबल म्यूनिशन एक्टेंडेड रेंज (हैमर) हवा से जमीन पर मार करने वाले रॉकेट के जरिए चलने वाली मिसाइल किट है। हैमर मिसाइल हवा से जमीन पर 60 से 70 किलोमीटर तक दुश्मन को निशाना बना सकती है। राफेल में लगने वाली हैमर मिसाइल काफी खतरनाक है। इसे जीपीएस के बिना भी 70 किलोमीटर की रेंज से लॉन्च किया जा सकता है। फ्रांस से 36 राफेल विमानों का सौदा होते समय भारत ने बजट के अभाव में महंगे हैमर सिस्टम्स लेने के बजाय इजरायली स्पाइस-2000 बम से ही काम चलाने का निर्णय लिया था।
दरअसल, किसी भी हथियार की कीमत उसके साथ लिए जाने वाले सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की वजह से घटती-बढ़ती है, इसीलिए अपने बजट के अन्दर रहकर यह डील फाइनल की गई थी। जब पहली खेप में पांच राफेल विमानों की आपूर्ति जुलाई, 2020 में हुई तो आनन-फानन में हैमर सिस्टम्स लेने के लिए फ्रांस को ऑर्डर किया गया था। इसके लिए सितम्बर, 2020 में भारत और फ्रांस की सरकारों के बीच हैमर कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसकी आपूर्ति अब एक साल बाद फ़्रांस से हो पाई है। आधिकारिक तौर पर फ्रांस से मिलीं मिसाइलों की संख्या का पता नहीं चल पाया है लेकिन वायुसेना के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक करीब 100 मिसाइलें भारत पहुंच चुकी हैं।

पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ उभरते संघर्ष के मद्देनजर भारतीय वायुसेना ने अब एलसीए तेजस लड़ाकू विमानों को भी खतरनाक हैमर मिसाइल से लैस करने का फैसला लिया है। तेजस की मारक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए वायुसेना ने आपातकालीन खरीद के तहत फ्रांस को ऑर्डर दिया है। इन मिसाइलों की वजह से तेजस फाइटर जेट को हाई एल्टीट्यूड वाले इलाके यानी हिमालय के पर्वतों में छिपे चीनी दुश्मनों को मार गिराने में आसानी होगी। यह पूर्वी लद्दाख के इलाके में चीन की सेना के बंकरों और पोस्ट को उड़ा सकती है। भारत सरकार ने एलसीए तेजस फाइटर की दो स्क्वाड्रन को संचालित कर दिया है। इसके अलावा चार और स्क्वाड्रन को एक्टीवेट करने की तैयारी चल रही है।
भारतीय वायुसेना को मिलने वाले एलसीए तेजस लड़ाकू विमान 65 फीसदी स्वदेशी होंगे। स्वदेशी रक्षा तकनीक को बढ़ावा देने के लिए देशी उत्तम रडार लगाए जाएंगे। यानी वायुसेना को मिलने वाले विमानों का पहला जत्था इजरायल के रडार की जगह देशी उत्तम रडार से लैस होगा। स्वदेशी रक्षा उद्योग में भारतीय वायुसेना और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए इसी साल की शुरुआत में 03 फरवरी को एयरो इंडिया-2021 के दौरान हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ 83 तेजस मार्क-1ए फाइटर जेट के सौदे पर हस्ताक्षर किए गए थे। 83 एलसीए एमके-1ए में से 63 विमानों में इलेक्ट्रॉनिक एईएस रडार लगेंगे। इसके लिए डीआरडीओ और एचएएल में करार हुआ है। वायुसेना के पहले वाले ऑर्डर के 40 एमके-1 विमानों में मैकेनिकल इजराइली रडार लगाए जाएंगे। एचएएल ने तेजस में स्वदेशी सामग्री 62 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 फीसदी करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
साभार-हिस

Share this news

About desk

Check Also

हाइवे पर आवारा पशुओं की चुनौती से निपटने के लिए एनएचएआई की बड़ी पहल, बनेंगे आश्रय स्थल

एनएचएआई ने मवेशी आश्रयों के निर्माण और रखरखाव के लिए मेसर्स गवर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *