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प्रधानमंत्री ने भोपाल में पुनर्विकसित रानी कमलापति रेलवे स्टेशन राष्ट्र को किया समर्पित

भोपाल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को यहां सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत पुनर्विकसित देश के पहले “सबसे आधुनिक” हबीबगंज रेलवे स्टेशन जिसका नाम बदलकर गोंड रानी कमलापति के नाम पर रखा गया है, का लोकार्पण किया।

विश्व स्तरीय मॉडल को ध्यान में रखकर बनाए गए रानी कमलापति स्टेशन पर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर उपलब्ध सभी सुविधाएं हैं। प्रधानमंत्री आदिवासी प्रतीक और स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की याद में ”जनजातीय गौरव दिवस” मनाने के लिए आदिवासी सम्मेलन सहित रेलवे से जुड़ी अनेक ढांचागत सुविधाओं की सौगात देने के लिए आए हुए थे। प्रधानमंत्री ने इससे पहले स्टेशन परिसर में तमाम सुविधाओं का जायजा लिया।

आयोजन के दौरान प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश में रेलवे की कई पहलों को राष्ट्र को समर्पित किया। इनमें गेज परिवर्तित और विद्युतीकृत उज्जैन-फतेहाबाद चंद्रावतीगंज ब्रॉड गेज रेल खंड, भोपाल-बरखेड़ा रेल खंड का विद्युतीकृरण, गुना-ग्वालियर रेल खंड का विद्युतीकृरण,गेज परिवर्तन और विद्युतीकृत मथेला-निमारखेड़ी ब्रॉड गेज रेल खंड शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने उज्जैन-इंदौर और इंदौर-उज्जैन के बीच दो नई मेमू ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाई।

रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री का गोंड रानी कमलापति की प्रतिमा और शॉल भेटकर स्वागत किया। अपने संबोधन में रेल मंत्री ने “तालों में ताल बाकी सब तलैया” कहावत का जिक्र करते हुए कहा कि अब इसमें स्टेशनों में स्टेशन भोपाल का कमलापति स्टेशन भी जुड़ जाएगा।
इस मौके पर राज्यपाल मंगुभाई छगन भाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अन्य विशिष्ट लोग मौजूद रहे।
पीपीपी मॉडल के तहत रेलवे ने 17,245 वर्ग मीटर भूमि अंसल समूह को 45 वर्ष के लिए लीज पर दी है। लगभग 100 करोड़ रुपए की लागत से स्टेशन को नया रूप दिया गया है। स्टेशन में फूड कोर्ट, रेस्तरां, वातानुकूलित प्रतीक्षालय, वीआईपी लाउंज है। प्लेटफॉर्म तक पहुंचने के लिए स्टेशन पर 12 एस्केलेटर और 8 लिफ्ट भी लगाए गए हैं। चौबीसों घंटे निगरानी रखने के लिए स्टेशन पर लगभग 176 सीसीटीवी लगाए गए हैं। स्टेशनों पर ट्रेनों की सूचना पर विभिन्न भाषाओं का डिस्प्ले बोर्ड होगा। स्टेशन में पर्यटक लाउंज के लिए भी जगह होगी और मध्य प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए एक बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई गई है।

रेलवे स्टेशन की मुख्य विशेषता है कि यहां आगमन और प्रस्थान के लिए अलग-अलग मार्ग बनाए गए हैं। यात्रियों को सभी पांच प्लेटफार्म पर प्रवेश के लिए एस्केलेटर का इस्तेमाल करना होगा जबकि ट्रेन से उतरने वाले यात्रियों को बाहर जाने के लिए दो भूमिगत पारपथ (सब-वे) का इस्तेमाल करना होगा। इससे स्टेशन पर यात्री आसानी से आ जा सकेंगे और आपस में वह टकराएंगे भी नहीं। यह रेलवे में अपनी तरह का पहला स्टेशन होगा जहां इस प्रकार की सुविधा उपलब्ध होगी।
इसके अलावा स्टेशन की विशेषता विशाल एयर कौन कोर्स है जो प्राकृतिक प्रकाश और हवा से युक्त है। यहां एक समय में 700 यात्री बैठ सकते हैं। यहां यात्रियों को रेलगाड़ियों के आवागमन संबंधी सूचना के लिए एलईडी और उद्घोषणा आदि की व्यवस्था है वही भोजन आदि के लिए कई स्टॉल भी उपलब्ध होंगे।

स्टेशन को एकीकृत मल्टी-मॉडल परिवहन के हब के रूप में भी विकसित किया गया है। मुंसिपल रोड्स के साथ रेलवे स्टेशन पर यातायात के लिए समर्पित संपर्क मार्ग के अलावा स्काई वाक के माध्यम से भोपाल मेट्रो का सीधा कनेक्शन होगा।
साभार-हिस

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