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वाराणसी को देंगे 5200 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात
नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को उत्तर प्रदेश के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वह नौ नए राज्य स्वायत्तशासी मेडिकल कॉलेजों और प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना (पीएमएएसबीवाई) का उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा वाराणसी को वह 5200 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं की सौगात देंगे।
प्रधानमंत्री इससे पहले बुधवार को उत्तर प्रदेश के दौरे पर आये थे और कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे सहित कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया था।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री 25 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश का दौरा करेंगे। वह सिद्धार्थनगर में लगभग 10.30 बजे उत्तर प्रदेश के नौ मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुखमंडाविया भी मौजूद रहेंगे।
ये मेडिकल कॉलेज सिद्धार्थनगर, एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, फतेहपुर, देवरिया, गाजीपुर, मिर्जापुर और जौनपुर जिलों में स्थित हैं। केंद्र प्रायोजित योजना के तहत 8 मेडिकल कॉलेज जिला अथवा रेफरल अस्पतालों से जुड़े नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए स्वीकृत किए गए हैं और जौनपुर में एक मेडिकल कॉलेज को राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधनों के माध्यम से कार्यात्मक बनाया गया है।
प्रधानमंत्री इसके बाद वाराणसी में दोपहर करीब 1.15 बजे प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना का शुभारंभ करेंगे। वह वाराणसी के लिए 5200 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे।
प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना (पीएमएएसबीवाई) देश भर में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए सबसे बड़ी अखिल भारतीय योजना में से एक होगी। यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अतिरिक्त होगा।
पीएमएएसबीवाई का उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे, विशेष रूप से शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण देखभाल सुविधाओं और प्राथमिक देखभाल में महत्वपूर्ण खाई को भरना है। यह 10 उच्च फोकस वाले राज्यों में 17,788 ग्रामीण स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों के लिए सहायता प्रदान करेगा। इसके अलावा सभी राज्यों में 11,024 शहरी स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
5 लाख से अधिक आबादी वाले देश के सभी जिलों में एक्सक्लूसिव क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक के माध्यम से क्रिटिकल केयर सेवाएं उपलब्ध होंगी, जबकि शेष जिलों को रेफरल सेवाओं के माध्यम से कवर किया जाएगा।
देश भर में प्रयोगशालाओं के नेटवर्क के माध्यम से लोगों को सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में दैनिक सेवाओं की एक पूरी श्रृंखला तक पहुंच होगी। सभी जिलों में एकीकृत जन स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी।
पीएमएएसबीवाई के तहत, स्वास्थ्य के लिए एक राष्ट्रीय संस्थान, वायरोलॉजी के लिए 4 नए राष्ट्रीय संस्थान, डब्ल्यूएचओ दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के लिए एक क्षेत्रीय अनुसंधान मंच, 9 जैव सुरक्षा स्तर III प्रयोगशालाएं, 5 नए क्षेत्रीय राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
पीएमएएसबीवाई का लक्ष्य मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों में ब्लॉक, जिला, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर निगरानी प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क विकसित करके एक आईटी सक्षम रोग निगरानी प्रणाली का निर्माण करना है। सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं को जोड़ने के लिए सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में एकीकृत स्वास्थ्य सूचना पोर्टल का विस्तार किया जाएगा।
पीएमएएसबीवाई का उद्देश्य 17 नई सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों का संचालन करना और सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों और रोग के प्रकोपों का प्रभावी ढंग से पता लगाने, जांच, रोकथाम और मुकाबला करने के लिए प्रवेश के बिंदुओं पर 33 मौजूदा सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों को मजबूत करना है। यह किसी भी सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यबल के निर्माण की दिशा में भी काम करेगा।
केंद्र प्रायोजित योजना के तहत वंचित, पिछड़े और आकांक्षी जिलों को वरीयता दी जाती है। इस योजना का उद्देश्य स्वास्थ्य पेशेवरों की उपलब्धता में वृद्धि करना, मेडिकल कॉलेजों के वितरण में मौजूदा भौगोलिक असंतुलन को ठीक करना और जिला अस्पतालों के मौजूदा बुनियादी ढांचे का प्रभावी ढंग से उपयोग करना है। योजना के तीन चरणों के तहत, देश भर में 157 नए मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 63 मेडिकल कॉलेज पहले से ही काम कर रहे हैं।
साभार-हिस