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नये भारत में अब हमें अपने मतदान के प्रति हमेशा जागरूक रहना चाहिए…

विनय श्रीवास्तव (स्वतंत्र पत्रकार)

लोकतांत्रिक भारत चुनावों का देश है. यहां हर साल कहीं ना कहीं चुनाव होते ही रहते हैं. कहीं विधान सभा का चुनाव, तो कहीं पंचायत का चुनाव, तो कहीं नगर निगम का चुनाव. इसलिए जरूरी है कि हम और आप सभी अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए हमेशा तैयार रहें. हम एक जागरूक और जिम्मेदार नागरिक का फर्ज निभाएं. चुनाव करीब आने का इंतजार ना करें. अपने पहचान पत्र को हमेशा दुरुस्त रखें. अपने नौकरी या व्यापार के कारण जब आप लम्बे समय के लिए जब एक राज्य से दूसरे राज्य में जाते हैं तो यह जरूरी है कि आप अपने मतदाता पहचान पत्र में जरूरी बदलाव करवा लें ताकि वहां होने वाले चुनाव में आप अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें. जो युवा अपनी उम्र के अठारह वर्ष पूरा कर रहे हैं उन्हें पूरे उमंग और उत्साह के साथ अपना मतदाता पहचान पत्र बनवाना चाहिए. उन्हें यह सोचकर उत्साहित होना चाहिए कि वे अब अपने समाज और देश की दशा और दिशा तय करने में अपना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. ऐसा नहीं है कि हमारे लिए सिर्फ लोकसभा और विधानसभा का चुनाव ही महत्वपूर्ण है. पंचायत से लेकर लोकसभा तक का चुनाव सब महत्वपूर्ण होता है. गांवों और शहरों की सर्वांगीण विकास के लिए तो पंचायत और नगर निगम का चुनाव अधिक महत्वपूर्ण है. यदि गांव का मुखिया, सरपंच या वार्ड पार्षद ईमानदार, जागरूक और योग्य होंगे तभी गांवों और शहरों की सफाई व अन्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकती हैं. इसके लिए जरूरी है कि क्षेत्र के मतदाता जागरूक रहें. वे अपनी जागरूकता से अपने क्षेत्र के लिए योग्य, कर्मठ और ईमानदार प्रतिनिधि चुनें. आपकी बात आपके क्षेत्र की जनप्रतिनिधि तभी सुनेंगे जब आप स्वयं मतदान के प्रति जागरूक होंगे. यदि आप सही समय पर सही मतदान करते हैं तब हक से और पूरे  जोरदार तरीके से अपने क्षेत्र की विकास के लिए आवाज उठा सकते हैं. जनप्रतिनिधियों को भी आपकी आवाज सुननी ही पड़ती है. अपने क्षेत्र की साफ सफाई, नाले, सीवरेज, सड़क, जल और बिजली आदि की आपूर्ति की कमियों को चिन्हित करें. उसके निदान के लिए अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को सूचित करें. उनसे लगातार संपर्क बनाए रखें. साथ ही चुनाव से पहले नागरिक घोषणा पत्र तैयार करें. भारत के इतिहास में शायद यह पहली बार हो जब हम एक नए प्रकार की घोषणा पत्र की चर्चा कर रहे हैं. आखिर यह नागरिक घोषणा पत्र क्या है ? और अचानक इसकी जरूरत क्यों पड़ गई? तो इसका सीधा जवाब है – कोई भी चुनाव होने से पहले देश के नागरिकों द्वारा तैयार की गई अपने क्षेत्र की जनसमस्याओं की सूची. और उसके ऊपर उस क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों का हस्ताक्षर. यह नागरिक घोषणा पत्र ठीक उसी प्रकार है जैसे चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियां अपनी घोषणा पत्र तैयार करती हैं. अगला प्रश्न है कि अब इसकी जरूरत क्यों पड़ रही है? तो इसका भी बहुत सरल जवाब है. राजनीतिक ठगी. चुनावों में बार बार जनता ठगी जाती है. चुनाव से पहले नेताओं द्वारा विकास के योजनाओं की झड़ी लगा दी जाती है. लेकिन चुनाव समाप्त होने के बाद पांच साल तक नेताजी शायद ही कभी अपने क्षेत्र में आते हैं. जनता अपने क्षेत्र की समस्याओं से जूझती रहती है लेकिन नेताजी का दर्शन नहीं हो पाता है. फिर पांच साल तक लगाते रहिए उनका चक्कर. चुनाव के समय नेताजी सेवक के रूप में जनता के समक्ष आते हैं लेकिन चुनाव के बाद जनता को ठेंगा दिखा कर नेताजी अतिमहत्वपूर्ण व्यक्ति बन जाते हैं. उस क्षेत्र के लोग बेहद भाग्यशाली माने जाएंगे जिनके प्रतिनिधि समय समय पर अपने क्षेत्र की जनता के बीच में होते हैं और क्षेत्र की समस्याओं पर निरंतर कार्य करते हैं. लेकिन अफसोस कि देश में ऐसे जनप्रतिनिधियों की संख्या सीमित मात्र होगी जो अपने क्षेत्र की जनता से हमेशा जुड़े रहते हैं और अपने क्षेत्र की विकास की चिंता व कार्य करते हैं.  इसलिए नेताजी की ठगी से बचने के लिए अब जनता को अपने आप को बदलना ही पड़ेगा. पांच साल तक नेताजी के पीछे पीछे घूमने से बेहतर है कि चुनाव से पहले ही नागरिक अपने क्षेत्र की समस्याओं की एक सूची तैयार कर लें. उस सूची में आये दिन हो रही समस्याओं को क्रम से नोट कर लें. और जब भी चुनाव हो तो उस सूची को प्रत्याशियों के समक्ष प्रस्तुत करें. उनसे लिखित में आश्वाशन लिया जाए कि क्या सूची में लिखित समस्याओं का समाधान कर पाएंगे? यदि हां तो कितने समय में कर पाएंगे ? और वादा करने के बाद भी यदि समस्याओं का समाधान नहीं कर पाए तो कारण के साथ ही लिखित में अपने दंड का चुनाव करें. जो प्रत्याशी आपके उम्मीदों पर खरा उतरे उसको अपना मतदान दें. बिना किसी भेद भाव और राजनीतिक हस्तक्षेप के. लेकिन यह कार्य तभी सम्भव होगा जब क्षेत्र की जनता एकजुट होकर बिना किसी निजी स्वार्थ के यह फैसला करे. साथ ही जनता वोट और अपने मताधिकार के प्रति भी जागरूक रहें.  सिर्फ सरकार और जनप्रतिनिधियों को गलत ठहराने से समस्या का हल नहीं निकलेगा. लोकतंत्र तभी मजबूत होगा जब जनता अपने मताधिकार का अधिक से अधिक प्रयोग करें और जागरूक रहें. नया वोटर कार्ड बनवाना और उसमें बदलाव बेहद आसान है. nvsp.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. या फिर अपने क्षेत्र में मतदान केंद्र पर जाकर भी जानकारी ले सकते हैं. तो चुनाव से पहले जनता भी पूरी तैयारी के साथ नागरिक घोषणा पत्र के साथ एक नए परंपरा की शुरूआत करें और अपने क्षेत्र की सर्वांगीण विकास के साथ साथ अपने लोकतंत्र को मजबूत करें. नागरिक घोषणा पत्र से जनप्रतिनिधियों को भी उनके कर्तव्य पालन करने के लिए उनकी आत्मा झकझोरती रहेगी. और उन्हें भी यह एहसास होगा कि काम नहीं करेंगे तो जनता उनको छोड़ने वाली नहीं है. समय के साथ जब सब कुछ बदल रहा है तो फिर जनता अपने बहुमूल्य वोट के प्रति क्यों ना बदले. आइए हमसब अपने अपने कर्तव्य का पालन करें और अपने समाज, देश व लोकतंत्र को मजबूत करें.

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