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फ्रांस की तरह, चर्च के कारनामों के लिए भारत में भी बने जांच आयोग: डॉ सुरेन्द्र जैन

नई दिल्ली। विश्व हिन्दू परिषद ने कहा है कि चर्च के पादरियों व धर्मांतरण में लिप्त मिशनरियों के कुकृत्यों का पर्दाफास करने तथा भारतीयों को इनके घिनौने षडयंत्रों से मुक्ति दिलाने हेतु नियोगी कमीशन की तरह भारत में भी एक जांच आयोग बनाए जाने की नितांत आवश्यकता है। विहिप के संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेन्द्र जैन ने आज अपने एक वक्तव्य में कहा कि फ्रांस की तरह भारतीय चर्चों की घिनौनी करतूतें भी किसी से छुपी नहीं हैं। अब पादरियों के पापों से भारतीयों को भी मुक्ति मिलनी ही चाहिए। उन्होंने कहा कि चर्च द्वारा छल-बल पूर्वक किए जा रहे अवैद्य धर्मांतरण के अभिशाप से भी भारत की मुक्ति हेतु कठोर कानून जरूरी है।
विहिप ने कहा है कि यह एक बेहद चौंकाने वाला समाचार है कि केवल फ्रांस में पादरियों द्वारा यौन उत्पीड़न के 3,30,000 बच्चे शिकार हुए हैं। फ्रांस में पादरियों के दुष्कृत्यों पर वैज्ञानिक अनुसंधान करने वाले एक आयोग ने ढाई वर्ष के सघन अध्ययन के बाद यह खौफनाक रिपोर्ट जारी की है। पहले इस तरह के आरोपों को फ्रांस का चर्च नकारता रहा है परंतु, जब यह रिपोर्ट जारी हुई तो वहां के बिशप को माफी मांगनी पड़ी।
डॉ जैन ने कहा कि आज संपूर्ण विश्व का चर्च यौन शोषण और व्यभिचार के आरोपों से घिरा हुआ है। पहले वे इन आरोपों को बेशर्मी के साथ नकारते हैं परंतु जब तथ्य सामने आते हैं, इन्हें माफी मांगने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इसीलिए पश्चिम का समाज चर्च से विमुख हो रहा है। जहां से चर्च शुरू हुआ था, वहां अब वह समाप्ति की ओर बढ़ रहा है। विहिप का यह स्पष्ट अभिमत है कि यह समय उनके आत्मविश्लेषण और सुधार का है। उन्हें भारत जैसे देशों में धर्मांतरण के षड्यंत्र को अविलंब बंद कर देना चाहिए और अपने पादरियों को सुधारने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत में भी चर्च का इतिहास और वर्तमान, शर्मनाक घटनाओं से भरपूर है। गोवा इनक्विजिशन के दौर से लेकर स्वामी लक्ष्मणानंद व पालघर के संतों की हत्या तक कई रक्तरंजित पृष्ठों से इनका इतिहास भरा हुआ है। भारत में इन्होंने केवल धोखे ,लालच और बल प्रयोग से ही धर्मांतरण किया है। इसी प्रकार ननों के यौन शोषण की असंख्य घटनाएं सामने आती रहती हैं। कई नन आत्महत्या भी कर चुकी है। अब उनके ही बीच में पादरियों की कामुकता के विरोध में कई आंदोलन भी चल रहे हैं। चर्च संचालित अनाथालय से सैकड़ों अनाथ बच्चों को विदेशों में बेचने की कई घटनाओं का पर्दाफाश भी हुआ है। नक्सलियों और पूर्वोत्तर के आतंकी संगठनों के साथ इनके संबंधों पर वहां की राज्य सरकारें भी आरोप लगा चुकी हैं। यह भारत का दुर्भाग्य है कि इन पापों के सामने आने पर चर्च माफी मांगने की जगह दोषियों को महिमामंडित करता है। बलात्कार के आरोपी बिशप फ्रैंको के जेल से छूटने पर स्वागत समारोह आयोजित किए गए थे।
विहिप की मांग है कि अब भारत में भी इनके षड्यंत्रों की जांच के लिए नियोगी कमीशन जैसा एक राष्ट्रव्यापी जांच आयोग बने और दोषियों को कठोरतम सजा मिले। विहिप की यह भी मांग है कि केंद्र सरकार अब धर्मांतरण को रोकने के लिए अविलंब एक कठोर कानून बनाए।
विहिप भारतीय चर्च के पदाधिकारियों को सुझाव भी देती है कि वे आगे आकर अपने पापों को स्वयं स्वीकार करें और धर्मांतरण सहित अपनी सभी अन्य अवैध गतिविधियों को रोकें। अन्यथा, विहिप एक व्यापक आंदोलन चलाएगी और उनके षड्यंत्रों का पर्दाफाश कर अवैध धर्मांतरण पर रोक लगाएगी।

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