Home / National / भवानीपुर उपचुनाव : रिकॉर्ड 58,832 मतों से जीतीं ममता बनर्जी
mamata हेमंत सोरेन की पत्नी ने ममता बनर्जी को जनसभा के लिए आमंत्रित किया

भवानीपुर उपचुनाव : रिकॉर्ड 58,832 मतों से जीतीं ममता बनर्जी

  • जीत के बाद ममता और प्रियंका के बयान के साथ पुन: जारी।

  • पिछले विधानसभा में तृणमूल के साथ बहुत बड़ा षडयंत्र रचा गया था : ममता

कोलकाता, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल की भवानीपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव में रिकॉर्ड मत से जीत हासिल की है। तृणमूल सुप्रीमो ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा की उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल को 58 हजार 832 मतों से हराया। कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार श्रीजीव विश्वास तीसरे स्थान पर रहे।

रविवार सुबह से चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच शेखावत मेमोरियल स्कूल में मतगणना शुरू हुई थी। ममता बनर्जी सुबह पोस्टल बैलेट की गिनती के साथ बढ़त बनाकर आगे चल रही थीं। कुल 21 राउंड की मतगणना के उन्होंने हर चरण में बढ़त बनाई रखी और हर वार्ड में जीत दर्ज की। ममता ने अपने प्रतिद्वंदी को 58,823 मतों से हराया।
चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद ममता बनर्जी ने पत्रकारों से कहा कि जब बंगाल के विधानसभा चुनाव में हमारी पार्टी के खिलाफ बहुत बड़ा षड़यंत्र हुआ था। केंद्र सरकार ने षड़यंत्र करके हमलोगों को हटाने का बंदोबस्त किया था। मुझे चोटिल कर दिया गया था ताकि हम चुनाव न लड़ पाएं। उन्होंने चुनाव आयोग के प्रति आभार जताते हुए कहा कि मै आभारी हूं कि उन्होंने समय पर चुनाव की घोषणा की, जिसमें उन्होंने जीत दर्ज की।

हार के बाद भाजपा उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल ने कहा कि भले ही ममता यह चुनाव जीतीं हैं लेकिन इस खेल की मैन ऑफ द मैच मैं हूं। क्योंकि ममता बनर्जी के गढ़ में मैंने चुनाव लड़ा और 25 हजार से ज़्यादा मत मिले हासिल किए।
इसी बीच ममता के भाई कार्तिक बनर्जी ने कहा कि यहां टीएमसी पार्टी ही काम करती है और कोई अन्य पार्टी यहां है ही नहीं। दीदी को सब पहचानते हैं। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि 2024 में हम लोग दिल्ली में सरकार बनाएंगे।

उल्लेखनीय है कि अप्रैल-मई महीने में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के दौरान ममता बनर्जी नंदीग्राम में भाजपा उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी से हार गई थीं। बावजूद इसके उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसलिए नियमानुसार शपथ के छह महीने के भीतर उन्हें किसी न किसी विधानसभा सीट पर जीत दर्ज करनी थी। अगर वह जीत नहीं सकतीं तो उन्हें मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ता। ममता बनर्जी के लिए उस समय भवानीपुर से जीत दर्ज करने वाले उन्हीं की पार्टी के पूर्व मंत्री सोभन देव चट्टोपाध्याय ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था जहां से इस बार ममता ने चुनाव लड़ा है। अब जबकि वह जीत गई हैं तो मुख्यमंत्री के पद पर बनी रहेंगी।
साभार-हिस

Share this news

About desk

Check Also

प्रधानमंत्री मोदी काे मिला कुवैत का सर्वोच्च सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’

नई दिल्ली। कुवैत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपना सर्वोच्च सम्मान “द ऑर्डर का मुबारक …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *