पालमपुर, हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री शान्ता कुमार ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने एक बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणी में कहा है कि देश की सभी पार्टियां राजनीति में अपराधीकरण रोकना नहीं चाहती हैं। सर्वोच्च न्यायालय कई दिनों से यह कोशिश कर रहा है कि गंभीर अपराध के आरोपितों को चुनाव न लड़ने दिया जाएं। सब पार्टियां सहमत हों और कानून बनाये, लेकिन सभी पार्टियां ऐसा कानून नहीं बनाना चाहती।
उन्होंने कहा कि जिन नेताओं पर बलात्कार, हत्या ओर डकैती जैसे आरोप होते हैं पार्टियां उनको भी टिकट देती हैं और चुनाव जीत कर वे विधान सभा और संसद में पहुंचते हैं।शान्ता कुमार ने कहा कि इस कारण देश की राजनीति में अपराधियों की संख्या बढ़ रही है और भ्रष्टाचार भी बढ़ रहा है। आम आदमी को न्याय नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि दीन दयाल उपाध्याय और अटल कहा करते थे कि छल-कपट और दल-बदल से सरकारें तो बदल सकती हैं परन्तु समाज बदलने के लिए मूल्य आधारित राजनीति चाहिए। आज उनकी बात भाजपा भी नही मान रही।
शान्ता कुमार ने कहा कि यही कारण है कि आज़ादी के 74 साल पूरे करने के बाद भी ट्रांसपेरेंसी इन्टरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया के सबसे भ्रष्ट देशें में शामिल है और ग्लोबल हंगर इन्डेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारत दुनिया के सबसे गरीब 120 देशों की सूची में नीचे 117 क्रमांक पर है। 19 करोड़ लोग लगभग भूखे पेट सोते हैं। आज भी अति गरीब घरों की बेटियां खरीदी और बेची जाती हैं।उन्होंने कहा कि इस सबके बाद भी सर्वोच्च न्यायालय की सलाह मान कर राजनीति में अपराधीकरण समाप्त करने को राजनीति दल तैयार नहीं। आज की कठोर सच्चाई यह है कि पार्टियां वोट के लिए जी रही हैं, देश के लिए नहीं।शान्ता कुमार ने कहा कि आज महात्मा गांधी और दीन दयाल उपाध्याय आ जाएं तो वे सिर पटक कर और आंसू बहा कर कहीं भाग जाएंगे। मेरी पार्टी भी सर्वोच्च न्यायालय की सलाह मानने को तैयार नहीं। यह सोच कर मुझे भी शर्म आ रही है।
साभार – हिस