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टीएमसी का लक्ष्य त्रिपुरा को अस्थिर करना : भाजपा

  • सभी हमला टीएमसी के साजिश का हिस्सा, देबांग्शु की बातों से हुआ खुलासा

अगरतला,  त्रिपुरा में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) कार्यकर्ताओं पर हमले की घटना टीएमसी के द्वारा रची गयी एक साजिश का हिस्सा है, कम से कम देबांग्शु भट्टाचार्य की बातों से ये यह खुलासा हुआ है। पुलिस ने रविवार को देबांग्शु समेत 14 टीएमसी कार्यकर्ताओं को कोरोना नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया। इतना ही नहीं, शनिवार को जब टीएमसी की युवा नेता जया दत्त ने एक भाजपा कार्यकर्ता की बाइक पर डंडे से प्रहार किया तो यह स्पष्ट है कि उनका एकमात्र लक्ष्य त्रिपुरा में अशांति फैलाना है। क्योंकि देबांग्शु रविवार को अस्पताल में दावा किया है कि सुदीप राहा जिस पर शनिवार को हमला किया गया था, उसका अभी तक इलाज नहीं हुआ है। हालांकि, सुदीप ने कल फेसबुक लाइव पर साफ कहा कि वह त्रिपुरा के सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं कराएंगे। इसके अलावा, सुदीप जिस तरह से सीआरपीएफ जवानों और पुलिस की ओर सिर में चोट लगने के बावजूद कैमरे के सामने कूद पड़े उससे यह नहीं लगता कि वह गंभीर रूप से घायल थे। भाजपा प्रवक्ता नवेंदु भट्टाचार्य ने इस संबंध में कटाक्ष करते हुए कहा, टीएमसी हमले की राजनीति में विश्वास रखने वाली माकपा की सहयोगी त्रिपुरा में अशांति पैदा करने की साजिश कर रही है। देबांग्शु ने आरोप लगाया है कि धलाई जिला के अंबासा बेटबगान इलाके में शनिवार को टीएमसी कार्यकर्ताओं के वाहन पर हमला किया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि युवा टीएमसी नेता सुदीप राहा की कार का शीशा तोड़ा गया, जिसके चटले ईंट के टुकड़े से उनके सिर पर चोट लगी है। हालांकि, टीएमसी के कार्यकर्ताओं सहित पुलिस ने सुदीप से बार-बार अस्पताल में इलाज कराने का अनुरोध किया था। लेकिन, उन्होंने साफ कहा कि वह इलाज नहीं कराएंगे। देबांग्शु के फेसबुक लाइव के दौरान सुदीप ने साफ कहा कि वह त्रिपुरा के सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए नहीं जाएंगे। हालांकि, उन्होंने इसका कारण नहीं बताया कि वह इलाज क्यों नहीं कराएंगे। इसके विपरीत उन्हें एक से अधिक बार मारपीट में उलझते हुए देखा गया है। कैमरे के सामने उत्तेजित होकर वह सीआरपीएफ और पुलिस कर्मियों की ओर गुस्से से गये। इतना ही नहीं उन्होंने अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया। वहां सुरक्षा कर्मियों ने काफी धैर्य दिखाया। क्योंकि, वह पुलिस और सीआरपीएफ जवानों को तरह-तरह से भड़काकर स्थिति को गर्म करना चाहते थे, उनके फेसबुक लाइव वीडियो को देखने के बाद ऐसा साफ प्रतीत हो रहा है।
आरोप है कि हमले में टीएमसी की युवा नेता जया दत्त घायल हो गईं। हालांकि, वे कल इतनी हिंसक हो गई थीं कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। शनिवार को टीएमसी की युवा नेता जया दत्त की हिंसा को खुलेआम लोगों ने देखा है। क्योंकि, उन्होंने एक भाजपा कार्यकर्ता की बाइक को डंडे से हमला कर क्षतिग्रस्त कर दिया। टीएमसी कार्यकर्ताओं के आक्रोश का सामना करते हुए भाजपा कार्यकर्ता ने अपनी बाइक सड़क पर छोड़ दी और वहां से पीछे चले गए। लेकिन, उनकी बाइक नहीं बची। जया दत्त की बाइक में तोड़फोड़ करने का वीडियो वायरल हो गया है जिससे पूरे त्रिपुरा में हड़कंप मच गया है।

रविवार की सुबह पुलिस ने देबांग्शु सहित 14 टीएमसी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया और कोरोना जांच के लिए खोवाई जिला अस्पताल में लेकर गयी। देबांग्शु ने वहां मीडिया से कहा, हमें कोरोना नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारे बीच सुदीप राहा पर हमला हुआ, जो सबसे ज्यादा घायल हुआ है। उन्होंने कहा कि उसका सिर बीते शनिवार की दोपहर ढ़ाई बजे फट गया था, लेकिन अब तक उसका इलाज संभव नहीं हो सका है। हालांकि, सुदीप के सिर पर चोट लगने के बावजूद उसके शरीर पर खून का कोई निशान नहीं देखा गया। शनिवार को भी बार-बार देखा गया कि सुदीप के सिर पर भीगा कपड़ा लगाया जा रहा था। लेकिन रविवार की सुबह वह सिर के दूसरी तरफ पट्टी बांधे नजर आ रहे हैं। स्वाभाविक रूप से उनके चोट को लेकर संदेह पैदा हो रहा है।इस संबंध में भाजपा प्रवक्ता नबेंदु भट्टाचार्य ने कहा, हम हमले की राजनीति में विश्वास नहीं करते। सीपीएम की सहयोगी टीएमसी हमले की राजनीति में यकीन रखती है। उन्हें यह सीपीएम से सीख मिली है। उन्होंने दमन की राजनीति की मदद से पश्चिम बंगाल में शासन बनाए रखा है। नबेंदु ने दावा किया कि कुछ प्रवासी नेता त्रिपुरा में लगातार अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। वे राज्य में शांति भंग करने की साजिश रच रहे हैं। हालांकि, भाजपा उनके सभी षड्यंत्रों से सख्ती से निपटेगी। उन्होंने दावा किया कि त्रिपुरा की जनता भाजपा के पक्ष में है।
साभार – हिस

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