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कोरोना के हालात को लेकर मोदी ने नवीन पटनायक से की बात

  • प्रधानमंत्री ने कुल 6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत कर कोविद स्थिति पर चर्चा की

  • प्रधानमंत्री ने सहयोग, संयुक्त प्रयासों और सहयोग के लिए राज्यों की सराहना की

  • मुख्यमंत्रियों ने हर संभव मदद देने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया

  • महाराष्ट्र और केरल में मामलों में वृद्धि की प्रवृत्ति चिंता का कारण है : प्रधानमंत्री

  • टेस्ट ट्रैक, इलाज और टीकाजांची-परखीऔर सिद्ध रणनीति है : प्रधानमंत्री

  • हमें तीसरी लहर की संभावना को रोकने के लिए सक्रिय उपाय करने होंगे : प्रधानमंत्री

  • ढांचागत कमियों,विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में,को दूर करें : प्रधानमंत्री

  • कोरोना समाप्त नहीं हुआ है, अनलॉक होने के बाद के व्यवहार की तस्वीरें चिंताजनक : प्रधानमंत्री

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, ओडिशा, महाराष्ट्र और केरल के सीएम के साथ बातचीत करके कोविद की स्थिति पर चर्चा की। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री भी मौजूद थे। मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री को कोविद से निपटने में हर संभव मदद और समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री को टीकाकरण की प्रगति और उनके राज्यों में वायरस के फैलाव को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने टीकाकरण रणनीति के बारे में फीडबैक भी दिए।

मुख्यमंत्रियों ने चिकित्सा अवसंरचना को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों की चर्चा की और भविष्य में मामलों की किसी भी संभावित वृद्धि से निपटने के बारे में सुझाव दिए। उन्होंने मरीजों के सामने आ रहे कोविद बाद के विषयों तथा ऐसे मामलों में सहायता प्रदान करने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर भी चर्चा की। मुख्यमंत्रियों ने आश्वासन दिया कि वे संक्रमण में वृद्धि पर काबू पाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इन छह राज्यों में जुलाई माह के दौरान कुल मामलों का 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है, जबकि इनमें से कुछ राज्यों में टेस्ट पॉजिटिविटी की दर बहुत अधिक है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने देश में कोविद मामलों पर चर्चा की और हाई केस लोड वाले जिलों में कोविद उपयुक्त व्यवहार और रोकथाम उपायों को मजबूत बनाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इन जिलों को खोलने का कार्य क्रमिक रूप से और जांच-परख कर किया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने राज्य सरकारों के आपसी सहयोग और महामारी के खिलाफ उनकी लड़ाई में सीखने के लिए सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सभी ऐसे मुकाम पर हैं, जहां तीसरी लहर की आशंकाएं लगातार व्यक्त की जाती हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मामलों में कमी के कारण विशेषज्ञ संकारात्मक संकेत दे रहे हैं लेकिन कुछ राज्यों में मामलों की बढ़ती संख्या अभी भी चिंताजनक है। प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले सप्ताह के दौरान 80 प्रतिशत मामले और 84 प्रतिशत दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु बैठक में उपस्थित राज्यों में हुईं। प्रारंभ में विशेषज्ञ मान रहे थे कि जिन राज्यों में दूसरी लहर की शुरूआत हुई वहां पहले हालात सामान्य होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि केरल और महाराष्ट्र में बढ़ती संख्या गंभीर चिंता का कारण है।

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