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क्राइम बांच ने फर्जी एमबीबीएस डॉक्टर को किया गिरफ्तार

नई दिल्ली,  दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने एक ऐसे फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार किया है जो खुद को एमबीबीएस, एमडी बताकर देशभर के दर्जनभर बड़े अस्पताल में नौकरी कर चुका है। आरोपित की पहचान मनीष कौल उर्फ वरुण कौल उर्फ डॉ. विक्रांत भगत (37) के रूप में हुई है। इसके खिलाफ देशभर के 10 राज्यों में धोखाधड़ी के 27 मामले दर्ज हैं। नवंबर 2019 में आरोपित दिल्ली पुलिस की कस्टडी से टीम को चकमा देकर मुंबई से फरार हो गया था।

मनीष कौल का पिता भी शातिर ठग है। फिलहाल 2020 से वह राजस्थान में जेल में बंद हैं। मनीष ने डॉक्टर बताकर दिल्ली की एक डॉक्टर व टीचर महिला से शादी भी कर ली थी। दोनों के यहां एक-एक बच्चा भी है। आरोपी ने वर्ष 2018 में अपनी एक पत्नी की हत्या का भी प्रयास किया था, लेकिन कीर्ति नगर पुलिस ने उसे मौके से ही दबोच लिया था।
अपराध शाखा के अतिरिक्त आयुक्त शिबेश सिंह ने बताया कि पिछले काफी समय से एसीपी गिरीश कौशिक की टीम आरोपित के बारे में जानकरी जुटा रही थी। महिला एसआई अनुपमा राठी व अन्यों की टीम को आरोपित के शास्त्री नगर मेरठ में होने का पता चला। पुलिस ने उसकी जानकारी जुटाना शुरू कर दिया। लेकिन उसका सही एड्रेस नहीं मिल पा रहा था।

कॉल को इंटरसेप्ट करने के दौरान शुक्रवार को टीम को पता चला कि मनीष ने स्वीगी से खाना ऑर्डर किया। डिलीवरी ब्वॉय की मदद से पुलिस शास्त्री नगर के एक नर्सिंग होम में पहुंची और उसने आरोपित मनीष कौल को दबोच लिया।
आरोपित नर्सिंग होम में डॉक्टर विक्रांत बनकर नौकरी कर रहा था। वह खुद को एमबीबीएस, एमडी बताता था। पुलिस की पूछताछ में आरोपित ने अपना अपराध कबूला। उसने बताया कि वह कई अस्पताल में डॉक्टर की नौकरी कर डेढ़ लाख रुपये सैलरी भी ले चुका है। खुद आरोपित ने 12वीं पास करने के बाद बीयूएमएस में दाखिला लिया था, लेकिन उसने दो साल बाद ही पढ़ाई छोड़कर धोखाधड़ी शुरू कर दी थी।
पहले पिता के साथ दवाई की फैक्टरी चलाता था आरोपित मनीष कौल
आरोपित मनीष ने बताया कि उसका जन्म अंबाला कैंट इलाके में 1984 में हुआ था। उसका पिता ब्रिज भूषण कौल उर्फ राजेंद्रपाल कौल अंबाला में दवाई की फैक्टरी चलाता था। आरोपित ने मेडिकल के कोर्स में दाखिला लिया, लेकिन उसने बीच में ही कोर्स छोड़ दिया। 2002 से वह पिता की फैक्टरी में हाथ बंटाने लगा। सबसे पहले सहारानपुर में उसके खिलाफ एक कंपनी से धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज हुआ। 2002 से 2008 के बीच कई बार उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ।
एमबीबीएस डॉक्टर बताकर दो महिलाओं से की शादी
मनीष ने बताया कि 2007 में वह एक अखबार में विज्ञापन देखकर दिल्ली के पटेल नगर निवासी एक महिला टीचर के संपर्क में आया। आरोपित ने खुद को एमबीबीएस डॉक्टर बताया और महिला से शादी कर ली। शादी के बाद उसके यहां एक बेटी भी हुई। 2014 में उसने जीवन साथी डॉट कॉम पर अपना प्रोफाइल बनाकर खुद को एमबीबीएस, एमडी व अविवाहित बताया।
उसने खुद को पंजाब के संगरूर के नर्सिंग होम में डॉक्टर बताया। अपने पिता को भी आरोपित ने एमबीबीएस, एमडी, सेना से रिटायर बताया। इसका प्रोफाइल देखकर अशोक विहार की एक महिला डॉक्टर इसके झांसे में आ गई। 2015 में दोनों ने शादी कर ली। इसके बाद दोनों को यहां एक बेटा हुआ। महिला डॉक्टर को इस पर शक हुआ तो आरोपित ने उसे मारने का प्रयास किया। पुलिस के मौके पर पहुंचने पर आरोपित ने टीम पर गोली चलाकर फरार होने का प्रयास किया, लेकिन पकड़ा गया।

मुंबई से आरोपित दिल्ली पुलिस की कस्टडी से हुआ फरार

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मनीष के खिलाफ दिल्ली, मुंबई, पंचकुला, गोवा, बंगलूरू, चंडीगढ़, फरीदाबाद, जयपुर, केरल, अंबाला और काशीपुर उत्तराखंड में करीब 27 मामले दर्ज है। आरोपित ने खुद का नाम कहीं मनीष कौल उर्फ वरुण कौल कहीं मनीष चड्ढा उर्फ डॉक्टर आशुतोष मारवाह, डॉ. विशेष धीमान, डॉ. संजीव चड्ढा, डॉ. एस चौधरी, गौरव सेठी, अनू सेठी और डॉ. विक्रांत भगत बताया हुआ था। दिल्ली पुलिस की तीसरी बटालियन की टीम इसे कई राज्यों में पेश करने के लिए ले गई थी, लेकिन मुंबई पहुंचने पर यह वसई पुलिस थाना क्षेत्र में टीम को चकमा देकर फरार हो गया था।

वहां से भागकर यह राजस्थान पाली पहुंचा। यहां इसके पिता ने अस्पताल खोला हुआ थ। पांच महा यहां बिताने के बाद यह मेरठ में आ गया था। 2020 में राजस्थान पुलिस ने मनीष के पिता ब्रिज भूषण कौल उर्फ राजेंद्र पाल कौल को गिरफ्तार कर लिया था। दिल्ली पुलिस ने सभी राज्यों की पुलिस को उसकी गिरफ्तारी की सूचना दे दी है।

साभार – हिस

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