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गृहमंत्री ने राजशाही के पक्ष में होने वाले प्रदर्शन को असंवैधानिक करार दिया, सख्ती बरतने की दी चेतावनी
काठमांडू। राजशाही के पक्ष में 29 मई से होने वाले प्रदर्शन को सरकार ने असंवैधानिक करार दिया है। साथ ही इस तरह के प्रदर्शन को सख्ती से निबटने की भी चेतावनी दी है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा कि देश में दोबारा राजतंत्र की पुनर्बहाली होना असंभव ही नहीं नामुमकिन है।
प्रधानमंत्री ओली ने कुछ राजनीतिक दलों और संस्थाओं के साथ ही आम जनता से राजतंत्र के पक्ष में होने वाले प्रदर्शन में सहभागी नहीं होने की अपील की है। मंगलवार को काठमांडू में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि नेपाल के संविधान में स्पष्ट रूप से यह लिखा है कि यह देश संघीय लोकतांत्रिक गणतंत्र व्यवस्था को स्वीकार कर रहा है। इसलिए इसके विपरीत होने वाले सभी प्रकार की मांगे असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि देश के संविधान से बड़ा और संविधान से ऊपर कोई नहीं होता। इसलिए लोकतांत्रिक गणतंत्र व्यवस्था को स्वीकार करने वाले देश में फिर से राजतंत्र बहाली की मांग को जायज नहीं ठहराया जा सकता है। असंवैधानिक प्रदर्शन में किसी भी जनता को सहभागी नहीं होना चाहिए।
गृहमंत्री रमेश लेखक ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि राजतंत्र की बहाली की मांग करने वाले किसी भी प्रकार के प्रदर्शन से सरकार सख्ती से निबटेगी। 28 मार्च को काठमांडू में हुए राजतंत्र पक्षधर आंदोलन के हिंसक प्रदर्शन का उदाहरण देते हुए गृहमंत्री ने कहा कि इस तरह की हिंसक घटनाएं और प्रदर्शन नहीं होने देने के लिए सरकार सख्ती से निबटने के लिए तैयार है। उन्होंने आम जनता से इस तरह के प्रदर्शन में सहभागी होने पर कानूनी कार्रवाई की भागीदारी बनने की चेतावनी दी है।
गौरतलब है कि नेपाल में फिर से राजशाही की पुनर्बहाली की मांग करते हुए 28 मई से विभिन्न राजनीतिक दल और संस्थाओं ने संयुक्त आंदोलन अनिश्चितकाल के लिए करने की घोषणा की है। काठमांडू केन्द्रित इस आंदोलन में सहभागी होने के लिए देशभर से लोगों को आने का आह्वान किया गया है। उधर सरकार ने अभी तक इनके प्रदर्शन के लिए काठमांडू में किसी भी स्थान पर अनुमति नहीं दी है।
साभार – हिस