नई दिल्ली। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को टेलीफोन कर उन्हें गाजा पट्टी से हमास आतंकियों के हमले के बाद छिड़े युद्ध से जुड़े वर्तमान हालात से अवगत कराया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने इजरायली प्रधानमंत्री को आश्वासन दिया कि भारत के लोग इस मुश्किल घड़ी में इजराइल के साथ मजबूती से खड़े हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक्स पोस्ट में कहा कि वे प्रधानमंत्री नेतन्याहू को उनके फोन कॉल और मौजूदा हालात से अवगत कराने के लिए धन्यवाद देते हैं। भारत के लोग इस मुश्किल घड़ी में इजरायल के साथ मजबूती से खड़े हैं। भारत आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की कड़ी और स्पष्ट रूप से निंदा करता है।
उल्लेखनीय है कि हमास आतंकियों ने फलिस्तीनी-इजरायल संघर्ष के तहत शनिवार को गाजापट्टी से एक बड़ा हमला किया था। हमले में इजरायली नागरिकों की मौत हुई है और कई नागरिक हमास आतंकियों की कैद में है। भारत ने इस पूरे घटनाक्रम में इजरायल के साथ एकजुटता दर्शाई है और आतंकी हमले की निंदा की है।
आक्रमण में थाईलैंड के 18 नागरिकों की मौत
हमास और इजरायल के आक्रमण में थाईलैंड के 18 नागरिकों की मौत हो गई । थाईलैंड के विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स में दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स में पहले कहा गया था कि इस आक्रमण में थाईलैंड के 12 नागरिकों की मौत हुई है और 11 को अगवा किया गया है। इजरायल में रहने वाले 30,000 से अधिक थाई लोगों में से 5,000 खतरे में हैं। नेपाल के इजरायल में रहने वाले 10 स्टूडेंट्स की भी इस आक्रमण में मौत हो गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस लड़ाई में भारत के साथ अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस और कनाडा सहित पश्चिमी देशों ने इजरायल को समर्थन किया है। अमेरिका ने मध्य-पूर्व सागर में सैन्य साजो-सामान भेजा है। रूस और चीन ने आक्रमण की निंदा जरूर की है लेकिन फिलिस्तीन की आजादी की भी वकालत भी की है। थाई विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इजरायल में रॉयल थाई दूतावास ने काउंसलर सेवाओं को रोक दिया है।
तमिल स्टूडेंट्स संकट में, राज्य सरकार कर रही वापसी का प्रबंध
इजरायल और फिलिस्तीन के ताजा संघर्ष से तमिलनाडु के स्टूडेंट्स के सामने संकट खड़ा हो गया है। उनका राशन -पानी सब खत्म हो रहा है। यह आश्रय गृहों में जाने के लिए शरण मांग रहे है। तमिलनाडु सरकार इनकी वापसी का प्रबंध कर रही है। राज्य के अल्पसंख्यक मंत्री ने कहा है कि सबका विवरण जुटाया जा रहा है। हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। अब तक 32 लोगों ने सरकार से संपर्क किया है। इनकी स्वदेश वापसी के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने ऑनलाइन फॉर्म भरने की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार, केंद्र सरकार के साथ इस बारे में निरंतर संपर्क में है। कुछ छात्रों ने अपने परिवारों को सूचित किया है कि उनका राशन-पानी खत्म हो रहा है। वह स्वदेश लौटना चाहते हैं।
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