
भुवनेश्वर. ओबीसी व एसईबीसी वर्ग के लिए नौकरी व शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार आरक्षण प्रदान करे। केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से पत्र लिखकर यह मांग की है.
उन्होंने इस पत्र में कहा है कि राज्य सरकार इन दोनों वर्गों को नौकरी व शिक्षा के क्षेत्र में आरक्षण प्रदान न कर राज्य कैबिनेट ने 2021 की जनगणना के समय ओबीसी व एसईबीसी वर्ग की गणना कराये जाने को लेकर प्रस्ताव पारित करना केवल अपनी नाकामी को छुपाने का प्रयास है. उन्होंने कहा कि राज्य में पिछड़ा जाति आयोग का गठन न कर जनगणना में इन वर्गों की गणना किये जाने की मांग करना स्पष्ट करता है कि राज्य सरकार को पिछड़े वर्ग के लोगों के प्रति किसी प्रकार की प्रतिबद्धता नहीं है. प्रधान ने उनके पत्र में कहा है कि 209 जातियां एसईबीसी वर्ग में शामिल हैं और ये जातियां ऐतिहासिक रुप से गरीबी व अशिक्षा से पीड़ित हैं. राज्य की कुल जनसंख्या के अधिकांश भाग इन्हीं जातियों की है। केन्द्र सरकार ने संविधान की धारा 15(4) व 16(4) के बल पर ओबीसी वर्ग के लिए नौकरी व शिक्षा के क्षेत्र में 27 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा दे रही है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे सही ठहराय़ा है, लेकिन केन्द्रीय स्तर पर इसे लागू किये जाने के 30 साल होने के बावजूद राज्य में इसे क्यों लागू नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु जैसे राज्य में 59 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है, जिसमें से 50 प्रतिशत ओबीसी वर्ग के लिए है, लेकिन ओडिशा में ओबीसी व एसईबीसी वर्ग की जनसंख्या काफी अधिक होने के बाद भी उन्हें इसका लाभ राज्य सरकार नहीं दे रही है. उन्होंने इस पत्र में आशा व्यक्त की कि नवीन पटनायक इस संबंध में तत्काल सकारात्मक कदम उठायेंगे.
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