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एक चालक का दावा-राष्ट्रीय परमिट के लिए 20,000 रुपये की रिश्वत लेकर भी काम नहीं किया
बौध। आरटीओ बसंत कुमार महापात्र की गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार शाम को बौध में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के सामने अजीबोगरीब दृश्य सामने आया। उनकी गिरफ्तारी की खुशी में ड्राइवरों और वाहन मालिकों को नाचते और खुशी मनाते देखा गया। बताया जाता है कि यह जानने के बाद कि महापात्र विजिलेंस के जाल में फंस गए हैं और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए हैं, ड्राइवरों ने खुशी व्यक्त की।
महापात्र की गिरफ्तारी पर खुशी मनाते हुए एक खुश ड्राइवर ने कहा कि मैं अपने वाहन के लिए राष्ट्रीय परमिट के लिए उनके के पास गया था। उसने 20,000 रुपये की मांग की थी। इसके लिए मैंने उसे उसकी कार के अंदर रिश्वत दी थी। कई हफ्ते हो गए, लेकिन मुझे अभी तक परमिट नहीं मिला है। सभी आवश्यक दस्तावेज होने और रिश्वत देने के बावजूद, मुझे अभी तक अपना परमिट नहीं मिला है। मैं उनकी गिरफ्तारी के बाद वास्तव में खुश हूं। यहां उल्लेखनीय है कि ओडिशा सतर्कता विभाग के अधिकारियों ने गुरुवार को आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में बौध जिले के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) बसंत कुमार महापात्र पर छापा मारा। खबरों के मुताबिक, गुरुवार सुबह 4 बजे महापात्र से जुड़े 10 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई। छापेमारी में उन्हें 19 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति मिली, जो उनकी आय के ज्ञात स्रोत से 445 फीसदी ज्यादा है।
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गिरफ्तारी के बारे में विजिलेंस सेल के एसपी एम राधाकृष्णन ने कहा कि हमने डीए की गणना की है जो उनकी आय का 445 प्रतिशत अधिक है। उसी आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है और अदालत में भेज दिया गया है। महापात्र को इससे पहले 2012 में निलंबित कर दिया गया था। उस समय उन्हें संबलपुर जिले में मोटर वाहन निरीक्षक (एमवीआई) के रूप में नियुक्त किया गया था। कथित तौर पर 2012 में लक्ष्मी डुंगुरी चेक गेट पर वाहनों की जांच के दौरान उनके बैग से बरामद 26,000 रुपये नकद का हिसाब देने में विफल रहने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था।
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