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पीएमएलए के तहत अभियोजन शिकायत दर्ज की
भुवनेश्वर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जितेंद्र नाथ पटनायक और मेसर्स बीडी पटनायक (साझेदार फॉर्म) के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के तहत अभियोजन शिकायत दर्ज कर मुकदमा चलाने की मांग की है। बताया जाता है कि यह शिकायत भुवनेश्वर में सत्र न्यायाधीश सह – विशेष न्यायालय (पीएमएलए), खुर्दा की अदालत में दर्ज की गई है और मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध के लिए आरोपी व्यक्तियों को दंडित करने और अपराध से प्राप्त 133.87 करोड़ रुपये की जब्ती के लिए प्रार्थना की है।
यह जानकारी आज यहां मीडिया को जारी ईडी के एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में देते हुए कहा गया है कि विशेष अदालत, पीएमएलए, भुवनेश्वर ने 30 अक्टूबर को अभियोजन की शिकायत पर संज्ञान लिया है।
ईडी ने बालेश्वर विजिलेंस पुलिस स्टेशन, ओडिशा पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर और उसके बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988, आईपीसी, 1860, वन संरक्षण अधिनियम, 1980, खनन और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 और खनिज संरक्षण और विकास नियम, 1988 कथित अवैध खनन के संबंध में विभिन्न धाराओं के तहत विजिलेंस सेल पुलिस स्टेशन, कटक, ओडिशा द्वारा दायर आरोपपत्र के आधार पर जांच शुरू की है। यह जांच जितेंद्र नाथ पटनायक और 14 अन्य लोक सेवकों के खिलाफ की गई।
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ईडी की जांच से पता चला कि मेसर्स बीडी पटनायक के पार्टनर जितेंद्र नाथ पटनायक राज्य सरकार से वैध खनन पट्टा और भारत सरकार के पर्यावरण और वन मंत्रालय से आवश्यक मंजूरी के बिना अवैध खनन में शामिल थे, जिससे उन्हें नुकसान हुआ।
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि 1989 से 2009 तक सरकारी खजाने को 130.39 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। उन्होंने अवैध रूप से अर्जित आय का उपयोग अपने अन्य व्यवसायों में किया और खुद को और अपने परिवार के सदस्यों को समृद्ध किया।
इससे पहले, ईडी ने 11 मई, 2022 को भुवनेश्वर और जोड़ा, केंदुझर में जितेंद्र नाथ पटनायक से संबंधित परिसरों पर पीएमएलए, 2002 के तहत तलाशी अभियान चलाया था, जिसके परिणामस्वरूप 133.17 करोड़ रुपये की सावधि जमा और 70.01 रुपये रुपये की भारतीय मुद्रा जब्त की गई थी।
जब्ती के संबंध में ईडी के एक आवेदन पर निर्णायक प्राधिकरण, पीएमएलए, नई दिल्ली ने 1 नवंबर, 2023 के आदेश के तहत जब्त की गई संपत्तियों को अपने पास रखने की अनुमति दी थी।