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द्रक और केंद्रापड़ा के पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए
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काफी दिनों से संजय को पार्टी नहीं दे रही थी कोई सांगठनिक जिम्मेदारी
भुवनेश्वर। प्रताप जेना व संजय दासवर्मा को लंबे समय बाद बीजद ने जिम्मेदारी सौंपी। इससे लगता है कि चुनाव नजदीक आते ही पार्टी में न पूछे जाने वाले नेताओं की कद्र बढ़ रही है। राज्य के पूर्व मंत्री संजय दासवर्मा पार्टी में गत कुछ सालों में हाशिये पर चल रहे थे, पार्टी ने उन्हें भद्रक जिले के पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके साथ ही एक अन्य पूर्व मंत्री प्रताप जेना को पार्टी ने केन्द्रापड़ा जिले के पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी प्रदान की है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निर्देश के अनुसार इन दोनों नेताओं को जिम्मेदारी प्रदान की गई है। पार्टी के संगठन महामंत्री प्रणव प्रकाश दास ने एक विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दी।
उल्लेखनीय है कि प्रमिला मल्लिक इससे पहले केन्द्रापड़ा जिले के लिए पार्टी की जिम्मेदारी संभाल रही थीं, लेकिन उनके विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद यह स्थान रिक्त हो गया था। प्रताप जेना को इसकी जिम्मेदारी दी गई है।
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प्रताप जेना व संजय दासवर्मा को लंबे समय बाद जिम्मेदारी मिलने के बाद राजनीतिक गलियारे में चर्चाएं भी शुरू हो गईं हैं। उधर, काफी दिनों बाद पार्टी में जिम्मेदारी मिलने पर संजय दासवर्मा ने प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पार्टी के मुखिया नवीन पटनायक ने जब भी जो जिम्मेदारी दी है, उसे उन्होंने निष्ठा के साथ निर्वहन किया है। जो नई जिम्मेदारी उन्हें प्रदान की गई है, उसे भी वह निष्ठापूर्वक निर्वहन करेंगे। उनके प्रति विश्वास वक्त करने के कारण दासवर्मा ने पार्टी के मुखिया नवीन पटनायक के प्रति आभार व्यक्त किया है।
प्रताप जेना को हाईकोर्ट से राहत
बहुचर्चित माहांगा डबल मर्डर मामले में पूर्व मंत्री तथा विधायक प्रताप जेना को सामयिक रुप से राहत मिली है। उनके खिलाफ किसी प्रकार का कठोर कार्रवाई करने पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। साथ ही हाईकोर्ट ने सालेपुर के जेएफएमसी कोर्ट से इस संबंधी मामले का रिकार्ड मंगवाया है। इस मामले में अगली सुनवाई 19 दिसंबर को होगी।
हाईकोर्ट के इस निर्णय के बाद इस डबल मर्डर मामले में विधायक जेना को लगभग डेढ़ माह की राहत मिली है। इससे पहले सालेपुर के जेएफएमसी कोर्ट ने गत 31 अक्टूबर को व्यक्तिगत रुप से कोर्ट में हाजिर होने के लिए नोटिस जारी की थी, लेकिन जेना ने स्वास्थ्य की स्थिति खराब होने का हवाला देते हुए कोर्ट में पेश नहीं हुए थे। उनके वकील ने कोर्ट में उनका पक्ष रखा था। इसके साथ-साथ उन्होंने इस मामले में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उनके आवेदन को हाइकोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार किया है।