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महानदी और उसकी सहायक नदियां उफान पर

  • कई जिलों के तटीय निचले इलाकों में घुसा पानी

  • घर और खेत हुए जलमग्न

भुवनेश्वर। पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश के बाद शुक्रवार को महानदी नदी की की तलहटी में बाढ़ आने से निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं। घरों और खेतों में पानी भर गया है। लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। महानदी की सहयाक नदियां भी उफान पर हैं। पूरे ओडिशा में हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। सूत्रों के अनुसार, आज सुबह मुंडली में करीब 8.6 लाख क्यूसेक पानी बह रहा था, जबकि जल स्तर वर्तमान में अपस्ट्रीम में 92.60 फीट है और डाउनस्ट्रीम में 90.30 फीट है। थोड़ी राहत के तौर पर कल रात 11 बजे से जलस्तर घटना शुरू हुआ।

महानदी और उसकी सहायक नदियों के उफान पर होने के कारण बांकी और आठगढ़ के कई गांव जलमग्न हो गए हैं। नयागढ़, बौध और सोनपुर के कई इलाकों में भी पानी भर गया है। यह भी आशंका है कि बाढ़ का पानी पुरी, केंद्रापड़ा और जगतसिंहपुर के कई निचले इलाकों में प्रवेश कर जाएगा। बांकी और टिगिरिया प्रखंड के नौ ग्राम पंचायतों में सैकड़ों एकड़ धान की खेत डूब गए हैं। इसके अलावा नयागढ़ जिले में भी कई सड़कें और पुल जलमग्न हो गए हैं।

सुखुआखला के ग्रामीण पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं। लोग अपना गांव छोड़कर अपने पालतू जानवरों के साथ तटबंध पर शरण लिये हुए हैं।

टेरामनपुर में 20 फीट की दरार

कुजंग ब्लॉक के अंतर्गत टेरामनपुर के पास महानदी में 20 फीट की दरार आ गई और इसके परिणामस्वरूप कोटासाही गांव पूरी तरह से बाढ़ के पानी में घिर गया है।

कई नदियां खतरे के निशान के ऊपर

इस बीच ब्राह्मणी और बैतरणी नदियां केंदुझर, ढेंकानाल, जाजपुर और भद्रक में कई स्थानों पर खतरे के निशान को पार कर गई हैं। बाढ़ का पानी बहने से कई गांवों, मंदिरों, धार्मिक स्थलों और शैक्षणिक संस्थानों में पानी भर गया है। पानी से घिरे गांवों के लोग दहशत में हैं। उनके लिए भोजन और पीने के पानी की व्यवस्था करने में उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि कुछ जगहों पर बैतरणी नदी में जलस्तर थोड़ा कम हुआ है, लेकिन ब्राह्मणी नदी अभी भी उफान पर थी।

अलर्ट पर हैं जिलाधिकारी

राज्य सरकार ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को बाढ़ की स्थिति से उत्पन्न किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी में रहने का आदेश दिया है। 13 जिलों में बचाव और निकासी उपाय करने के लिए कम से कम 106 बचाव दल पूरी तरह से तैयार हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में 13 ओड्राएफ और 85 अग्निशमन दल तैनात किए गए हैं। कथित तौर पर बाढ़ के पानी ने कटक, बांकी, आठगढ़, खुर्दा और बालिपाटणा में सब्जियों की खेती को व्यापक नुकसान पहुंचाया है।

बाढ़ की स्थिति नियंत्रण – सर्वोच्च अभियंता

ब्राह्मणी, महानदी व बैतरणी नदी में बाढ़ की स्थिति नियंत्रण में है। राज्य के जल संशाधन विभाग के सर्वोच्च अभियंता भक्त रंजन मोहंती ने पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि कहीं से भी किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति उत्पन्न होने की सूचना नहीं आयी है। केवल दो स्थानों पर दरार आ गई है। रसूलपुर में छोटी दरार आयी है, जबकि तेरमाणुपुर में 20 फीट का दरार आयी है। बारिश की मात्रा घट गई है। इस कारण नदियों का जल स्तर नीचे आ रहा है।

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