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अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि प्राणप्रतिष्ठा के लिए पवित्र अक्षत निमंत्रण के प्रतीक

  • मंदिर ट्रस्ट ने अक्षत पूजा के लिये मंगवाया 100 क्विंटल चावल

  • रामभक्तों में वितरण के लिये 5 नवम्बर को 45 प्रांतों से आये कार्यकर्ताओं को समर्पित किये जायेंगे

अयोध्या। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा आयोजित अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि प्राणप्रतिष्ठा दिवस समारोह में देश हर गांव, कस्बे और शहर के लोगों को आमंत्रित करने के लिए 05 नवंबर से 45 दिवस तक पवित्र अक्षत ट्रस्ट की ओर से निमंत्रण के प्रतीक रूप में अभियान के तहत बांटे/पहुंचाये जाएंगे।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव एवं विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने बताया कि “ पूजित अक्षत “5 नवंबर को देश भर के 45 प्रांतों से अयोध्या धाम पधारे कार्यकर्ताओं को समर्पित किये जायेंगे,, जिसे वह अपने प्रांतो में ले जायेंगे। इन अक्षत (अभिषेकित) को देश भर के सभी मंदिरों में पहुंचाया जाएगा। ये पवित्र अक्षत ट्रस्ट की ओर से निमंत्रण का प्रतीक होंगे। चंपत राय ने कहा, 1 जनवरी से 15 जनवरी 2024 तक कार्यकर्ता पूजित अक्षत के साथ हर गांव, मोहल्ले और बस्ती में जाएंगे और सभी को 22 जनवरी को अयोध्या पहुंचने का औपचारिक निमंत्रण देंगे।

अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने आगामी पांच नवम्बर को होने वाली ”अक्षत पूजा” के लिये 100 क्विंटल चावल मंगवाया है। पूजा के बाद इसे देश भर में रामभक्तों के बीच वितरित किया जाएगा। ट्रस्ट के सचिव चम्पत राय ने मंगलवार को बताया कि ट्रस्ट ने 100 क्विंटल चावल का ऑर्डर दिया है जिसका इस्तेमाल ”अक्षत पूजा” में किया जाएगा और फिर उसे देश भर में रामभक्तों के बीच वितरित किया जाएगा।

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उन्होंने बताया कि इसके साथ ही एक क्विंटल पिसी हुई हल्दी और देसी घी का भी ऑर्डर दिया गया है। उनके अनुसार इसे ”अक्षत पूजा” के लिए इस्तेमाल होने वाले चावल के साथ मिलाया जाएगा और फिर उसे पीतल के अनेक कलशों में रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि इन कलशों को आगामी पांच नवंबर को होने वाली अक्षत पूजा के दौरान भगवान राम के दरबार के सामने रखा जाएगा और फिर इसे विश्व हिन्दू परिषद द्वारा वितरित किया जाएगा।

राय ने बताया कि विभिन्न प्रांतों की क्षेत्रीय भाषाओं में भी दो करोड़ से अधिक पत्रक छपवाये गये हैं और ये पत्रक पूजित अक्षत (चावल) के साथ घर-घर भेजे जाएंगे। उन्होंने बताया कि विश्व हिन्दू परिषद के सभी प्रांतों के प्रतिनिधियों को पांच नवंबर को अयोध्या बुलाया गया है और हर प्रतिनिधि को पांच किलोग्राम पूजित चावल दिए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि प्रतिनिधि अपनी जरूरत के मुताबिक इसे अपने-अपने मंदिरों में पूजा कर जिलों के प्रतिनिधियों को देंगे एवं यही प्रक्रिया हर ब्लॉक, तहसील और गांव में की जाएगी। राय ने बताया कि अगले साल एक जनवरी से 15 जनवरी तक भारत के पांच लाख गांवों में पूजित अक्षत वितरित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पूजे गए चावल में किसी भी कृत्रिम रंग का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा, इसमें सिर्फ हल्दी और देसी घी होगा एवं इसमें टूटे हुए चावल भी नहीं होंगे।

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