Home / International / लाकडाउन : स्त्री जीवन -एक कविता

लाकडाउन : स्त्री जीवन -एक कविता

लाकडाउन,
कहाँ नया है,
स्त्री-जीवन में…,
लक्ष्मणरेखा,
बनी जन्म के साथ,
घर-आँगन में…!!

उम्र के,
किस पड़ाव में,
नहीं थीं बंदिशें…,
बारहमास,
उमड़ती-घुमड़ती,
रहीं थीं बारिशें…!!

रूढ़ियों की,
मूढ़ जंज़ीरें सघन,
टूटी कब भला…,
सदियों से,
सही अकथ यातना,
दौर यही चला…!!

सुनो तुम,
क्या होता है लाकडाउन,
जान गये ना…,
संवेदना-पुष्प,
विकसे अंतस में,
अब कुछ न कहना…!!

✍🏻 पुष्पा सिंघी , कटक

Share this news

About desk

Check Also

IAT NEWS INDO ASIAN TIMES ओडिशा की खबर, भुवनेश्वर की खबर, कटक की खबर, आज की ताजा खबर, भारत की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज, इंडिया की ताजा खबर

पूर्व पीएम ओली ने नेपाल में विद्रोह को पूर्व नियोजित वैश्विक षडयंत्र करार दिया

काठमांडू,। सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली ने 8 और 9 सितंबर को देश भर …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *