-
एम्स भुवनेश्वर के पूर्व निदेशक ने जतायी आशंका
-
कहा- पहले की तुलना में कोरोना का संक्रमण की गति है तीव्र
भुवनेश्वर. अगर अब भी लोग नहीं संभले और जागरुक नहीं हुए तो राज्य में कोरोना संक्रमण की दर प्रति दिन 10 हजार के पार जा सकती है. हालांकि कोरोना संक्रमण की तीव्र गति के अनुसार अन्य राज्यों की तुलना में ओडिशा कोविद-19 के मामले अभी भी सुरक्षित स्थिति में है, लेकिन स्थिति नियंत्रण से बाहर होने में बहुत लंबा समय नहीं लगता सकता है.यह आशंका जतायी है भुवनेश्वर एम्स के पूर्व निदेशक डॉ अशोक महापात्र ने. उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा है कि यदि उचित प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जाता है, तो राज्य में दैनिक वायरस के संक्रमण के मामले अगले कुछ महीनों में 10000 से अधिक हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर में घातक दर पहले चरण से तुलनात्मक रूप से कम है, लेकिन सकारात्मकता की दर निश्चित रूप से अधिक है. उन्होंने कहा कि हम यह भी सुनिश्चित नहीं कर रहे हैं कि पिक टाइम के दौरान कोरोना संक्रमण के कितने मामलों में आएंगे, लेकिन यह निश्चित है कि आंकड़ा बढ़ सकता है. उन्होंने बताया कि आज जब कुछ ही राज्यों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैला है, तो देश में 1.6 लाख के आसपास संक्रमण है. आगे चल कर वर्तमान प्रवृत्ति से बहुत अधिक संक्रमण होगा, क्योंकि अधिकतम मामले फिलहाल केवल कुछ मुट्ठी भर राज्यों तक सीमित हैं. महापात्र ने कहा कि अगर एक बार इसका प्रकोप दूसरे राज्यों में फैल गया तो हालात का अंदाजा आप लगा सकते हैं.उन्होंने राज्य-वार आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में ओडिशा की तुलना में कम जनसंख्या है. यदि वहां प्रत्येक दिन 10 से 12 हजार मामलों की रिपोर्टिंग शुरू हो गई है. जब हमारे राज्य में स्थिति बिगड़ना शुरू होगी तो मामले भी इसी तरह की प्रवृत्ति के देखने को मिल सकते हैं.
वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा कि दौरान आंखों में लालिमा, पाचन संबंधी परेशानी, उल्टी, दस्त, भूख न लगना, सर्दी, खांसी, बुखार और निमोनिया के अलावा कुछ नए लक्षण भी देखने को मिल रहे हैं. महापात्र ने कहा कि लोगों के मास्क नहीं पहनने की मानसिकता खतरानाक साबित हो सकती है.