कलम आज उनकी जय बोल,
कलम आज उनकी जय बोल।।
जो सदैव सत्य के लिए लड़े,
जो सदैव असत्य से भिड़े,
कलम आज उनकी जय बोल।।
रामधारी नहीं है तो क्या हुआ,
रात-दिन कर,
कलम आज उनकी जय बोल।।
बापू, सुभाष, आजाद नहीं है तो क्या हुआ,
कलम आज उनकी जय बोल।।
सूखी सियाही तो रक्तभर,
लेकिन तूम,
कलम आज उनकी जय बोल,
कबीर, रहीम नहीं हैं तो क्या हुआ।।
कोरे कागज पर,
रात-दिन कर
कलम आज उनकी जय बोल,
कलम आज उनकी जय बोल।।
सत्य की कंकरीली राह पे,
तू जमकर चल,
कलम आज उनकी जय बोल।।
दशा-दिशाओं को धर,
सत्य की कंकरीली राह चल,
कलम आज उनकी जय बोल।।
न झुको, न रूको,
न अटको, न भटको,
कंकरीली राह पे,
कलम आज उनकी जय बोल,
कलम आज उनकी जय बोल।।
रात-दिन कर,
तू कल का रामधारी,
और आज का है दिनकर,
कलम आज उनकी जय बोल,
कलम आज उनकी जय बोल।।
हेमंत कुमार तिवारी
संपादक, इंडो एशियन टाइम्स