Home / Entertainment / कोरोना काल : वंदे उत्कल जननी

कोरोना काल : वंदे उत्कल जननी

स्वर्ण-रश्मियाँ दिनकर की पाती लायीं,
नवजीवन का संदेश समीरण ले आयीं,
जड़ मानस में चैतन्य का हुआ शंखनाद,
हरी-भरी कलिंग धरा हौले-से मुस्कायी !!

हमारे मुख्त्रमंत्री जी का यह आह्वान है,
वंदे उत्कल जननी का करना संगान है,
कोरोना योद्धाओं का सम्मान श्रेयस्कर,
देश के लिए कर देते खुद को कुर्बान है !!

वैश्विक महामारी ने कोहराम मचाया है,
सबको अपनी उंगली पे इसने नचाया है,
कद-पद-मद सभी धरे रह गये हैं आज,
अंत:करण में झाँकने का वक्त आया है !!

साहस-संकल्प शक्ति जागे-जगायें,
दीप विश्वास के सर्वदा झिलमिलाएँ,
काल चक्र चलता रहता है अनवरत,
पथ की बाधाओं से हम क्यों घबराएँ !!

मानवीय सम्बन्ध निभाने की बारी है,
कटे कर्म-बन्धन, जन्मों से जो भारी है,
अपना पथ स्वयं ही चुनना होगा बंदे !
काँटों में भी खिलती रही फुलवारी है !!

प्रकृति-दोहन न करें, शपथ खाना है,
क्षुद्र स्वार्थ तजकर सौहार्द बढ़ाना है,
धरा का धरा पर ही सब रह जायेगा,
सेवा-सादगी जीवन में अपनाना है !!

कोरोना काल परीक्षा की घड़ी है,
लाॅक डाउन में जिम्मेदारी बड़ी है,
संयम-रथ पर आरूढ़ होकर बढ़ें,
साथी ! मंज़िल तो सामने खड़ी है !!

✍🏻 पुष्पा सिंघी , कटक

Share this news

About desk

Check Also

मुकेश छाबड़ा का खुलासा, रामायण में राम की भूमिका के लिए रणबीर कपूर को क्यों चुना

मुंबई ,बॉलीवुड एक्टर रणबीर कपूर इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म को लेकर चर्चा में …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *