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भोजपुर में भाजपा उम्मीदवार सुरेंद्र पटवा का नामांकन होल्ड
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कुछ विधानसभा क्षेत्रों में जानकारी अपूर्ण है और कुछ विधानसभा क्षेत्रों में आपत्ति लगी
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा निर्वाचन-2023 के अंतर्गत प्रदेश के सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों से प्राप्त नाम निर्देशन-पत्रों की मंगलवार को संवीक्षा की गई है। संवीक्षा के दौरान 2916 अभ्यर्थी विधिमान्य पाए गए। कुछ विधानसभा क्षेत्रों में जानकारी अपूर्ण है और कुछ विधानसभा क्षेत्रों में आपत्ति लगी है। यह जानकारी अनंतिम है।
प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि प्रदेश में 2 नवंबर नाम वापस लेने की अंतिम तिथि है। 17 नवंबर को एक ही चरण में मतदान की प्रक्रिया संपन्न होगी। 3 दिसंबर को मतगणना होगी।
रायसेन जिले की हाई प्रोफाइल विधानसभा सीट भोजपुर से भाजपा उम्मीदवार सुरेंद्र पटवा का नामांकन पत्र होल्ड किया गया है। मंगलवार को कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार पटेल और भाजपा से बगावत कर नामांकन जमा करने वाले गणेश मालवीय समेत संयम जैन ने पटवा के नामांकन पर आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि विधानसभा चुनाव 2023 के लिए पटवा ने जो नामांकन फॉर्म दाखिल किया है, उसमें अलग-अलग जानकारी दी गई है। चुनाव आयोग जांच के बाद बुधवार को इस विषय पर अपना फैसला देगा।
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प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा के भतीजे सुरेंद्र पटवा भोजपुर विधानसभा से विधायक हैं। भाजपा ने उन्हें प्रत्याशी बनाया है। सुरेंद्र पटवा के बेटे तन्मय पटवा का नामांकन फॉर्म भी निरस्त हो गया है। सुरेंद्र पटवा ने दोनों शपथ पत्रों में अलग-अलग जानकारी दी थी। इस वजह से उनके फॉर्म को होल्ड कर दिया गया है। सुरेंद्र पटवा के फॉर्म पर अब बुधवार को ही फैसला होगा। बुधवार को 11 बजे चुनाव आयोग के विशेषज्ञों की टीम की राय ली जाएगी। उसके बाद फैसला लिया जाएगा।
एग्जिट पोल तथा इसके परिणाम का प्रकाशन 7 से 30 नवम्बर तक पूर्ण प्रतिबंधित
मध्यप्रदेश विधानसभा निर्वाचन 2023 की आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने मंगलवार को बताया कि आदर्श आचरण संहिता के दौरान 7 नवम्बर की सुबह 7 बजे से 30 नवम्बर की शाम 6:30 बजे तक निर्वाचन के संबंध में किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल का आयोजन तथा प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में इसके परिणाम का प्रकाशन या प्रचार अथवा किसी भी अन्य तरीके से इसका प्रचार-प्रसार करने पर प्रतिबंध रहेगा।
उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 31 अक्टूबर 2023 को इस आशय की अधिसूचना जारी कर दी गई है। जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि निर्वाचन के दौरान सभी मतदान क्षेत्रों में मतदान की समाप्ति के लिये नियत समय पर समाप्त होने वाले 48 घण्टों के दौरान किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में किसी भी ओपिनियन पोल या किसी अन्य मतदान सर्वेक्षण के परिणामों सहित किसी भी प्रकार के निर्वाचन संबंधी मामलों के प्रदर्शन पर प्रतिबंध रहेगा।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 126क में यह प्रावधानित किया गया है कि कोई भी व्यक्ति कोई निर्गम मत सर्वेक्षण नहीं करेगा और किसी निर्गम मत सर्वेक्षण के परिणाम का ऐसी अवधि के दौरान जो निर्वाचन आयोग द्वारा इस संबंध में अधिसूचित की जाए, प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रकाशन या प्रचार या किसी भी प्रकार की अन्य रीति से प्रसार नहीं करेगा। यदि कोई व्यक्ति इस प्रावधान का उल्लंघन करेगा, तो ऐसी अवधि के कारावास से जो दो वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से या दोनों से, दण्डनीय होगा।