यह मामला केएसबीएल के बड़े फंड जुटाने से जुड़ा है। कंपनी ने यह पैसा वित्तीय संस्थानों से जुटाया था। इसके लिए क्लाइंट्स के सिक्योरिटीज का इस्तेमाल किया गया था। इसके एवज में उन्हें इंटरेस्ट देने का वादा किया गया था
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