नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर झटका लगने वाली खबर है। देश के औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर की रफ्तार अप्रैल में विनिर्माण, खनन एवं बिजली क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन की वजह से सुस्त पड़कर 2.7 फीसदी रह गयी। अप्रैल, 2024 में यह 5.2 फीसदी की दर से बढ़ा था।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने बुधवार को जारी आंकड़ों में बताया कि औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) पर आधारित देश के औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर की रफ्तार अप्रैल में सुस्त पड़कर 2.7 फीसदी रही है। आईआईपी के संदर्भ में मापा गया औद्योगिक उत्पादन अप्रैल, 2024 में 5.2 फीसदी बढ़ा था।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने जारी आंकड़ों में मार्च के लिए औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर के अनुमान को संशोधित कर 3.9 फीसदी कर दिया है, जबकि पिछले महीने जारी आंकड़ों में ये अनुमान तीन फीसदी था। आंकड़ों के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र की उत्पादन वृद्धि अप्रैल में थोड़ी कम होकर 3.4 फीसदी रह गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 4.2 फीसदी थी। खनन उत्पादन में 0.2 फीसदी की गिरावट आई है, जिसमें एक साल पहले 6.8 फीसदी की वृद्धि हुई थी। इसके अलावा बिजली उत्पादन की वृद्धि दर भी अप्रैल, 2025 में धीमी होकर एक फीसदी रह गई है, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 10.2 फीसदी थी।
मंत्रालय ने बताया कि संशोधित कैलेंडर के अनुसार औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) का त्वरित अनुमान अब हर महीने की 28 तारीख को (या 28 तारीख को छुट्टी होने पर अगले कार्य दिवस पर) जारी किया जाएगा। यह सूचकांक स्रोत एजेंसियों से प्राप्त आंकड़ों के साथ संकलित किया जाता है, जो बदले में उत्पादक कारखानों/प्रतिष्ठानों से डेटा प्राप्त करते हैं। आईआईपी की संशोधन नीति के अनुसार इन त्वरित अनुमानों को बाद की रिलीज़ में संशोधित किया जाएगा।
साभार – हिस
