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अमेरिका लगातार चौथी बार भारत का शीर्ष व्यापारिक साझेदार, चीन से व्‍यापार घाटा बढ़ा

नई दिल्ली। टैरिफ तनातनी के बीच वित्त वर्ष 2024-25 में अमेरिका लगातार चौथी बार भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहा है। इस वित्त वर्ष में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 131.84 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। इसके विपरीत चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 99.2 अरब डॉलर हो गया है, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 85.07 अरब डॉलर रहा था।
वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला है कि अमेरिका के साथ भारत का व्यापार और वाणिज्य मजबूत स्थिति में बना हुआ है, जबकि चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा लगातार बढ़ रहा है। अमेरिका के साथ भारत के व्यापारिक संबंध लगातार मजबूत होते जा रहे हैं, जबकि चीन के साथ उसका घाटा बढ़ता जा रहा है। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का अमेरिका को निर्यात 11.6 फीसदी बढ़कर 86.51 अरब डॉलर हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में यह 77.52 अरब डॉलर था। आंकड़ों में बताया गया कि इस दौरान आयात में 7.44 फीसदी की वृद्धि हुई और यह 45.33 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में यह 42.2 अरब डॉलर था। व्यापार अधिशेष अमेरिका के साथ पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में 41.18 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 35.32 अरब डॉलर रहा था। भारत का मुख्य निर्यात अमेरिका को औषधि निर्माण, दूरसंचार उपकरण, कीमती पत्थर, पेट्रोलियम उत्पाद, और आभूषण शामिल हैं।
आंकड़ों के मुताबिक चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़ा है, क्योंकि वित्त वर्ष 2024-25 में चीन को भारत का निर्यात 14.5 फीसदी घटकर 14.25 अरब डॉलर रह गया, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में यह 16.66 अरब डॉलर था। हालांकि, वित्त वर्ष 2024-25 में आयात 11.52 फीसदी बढ़कर 113.45 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में यह 101.73 अरब डॉलर था। चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा पिछले वित्त वर्ष में करीब 17 फीसदी बढ़कर 99.2 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जो 2023-24 में 85.07 अरब अमेरिकी डॉलर था।
वाणिज्‍य मंत्रालय के मुताबिक चीन वित्त वर्ष 2024-25 में 127.7 अरब अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहा। दोनों देशों के बीच वित्त वर्ष 2023-24 में 118.4 अरब अमेरिकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ था। चीन वित्त वर्ष 2013-14 से वित्त वर्ष 2017-18 तक और वित्त वर्ष 2020-21 में भी भारत का शीर्ष व्यापारिक साझेदार था।
आंकड़ों के मुताबिक संयुक्त अरब अमीरात वित्त वर्ष 2024-25 में 100.5 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा था। वित्त वर्ष 2021-22 से अमेरिका सबसे बड़ा साझेदार है।
दरअसल, भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार आने वाले वर्षों में तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। दोनों देश एक व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। इसका उद्देश्य 2030 तक वस्तुओं व सेवाओं में द्विपक्षीय व्यापार को वर्तमान 191 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब अमेरिकी डॉलर करना है।
साभार – हिस

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