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सामाजिक न्‍याय के प्रति सामाजिक सुरक्षा देश की प्रतिबद्धता का बुनियादी स्तंभ: मंडाविया

नई दिल्ली। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने सोमवार को कहा कि सामाजिक सुरक्षा भारत की सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता का एक बुनियादी स्तंभ बनी हुई है। उन्होंने कहा कि इसकी पहुंच 2021 में कुल आबादी का 24.4 फीसदी से बढ़कर 2024 में 48.8 फीसदी हो गई है।

केंद्रीय श्रम मंत्री यहांं सामाजिक न्याय एवं ईएसआईसी के 74वें स्थापना दिवस पर क्षेत्रीय संवाद को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्‍होंने सामाजिक न्याय 2025 पर क्षेत्रीय संवाद के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा, “बेरोजगारी दर 2017-18 में 6 फीसदी से घटकर 2023-24 में 3.2 फीसदी हो गई है जबकि श्रम बल भागीदारी दर 49.8 फीसदी से बढ़कर 60.1 फीसदी हो गई है।” उन्होंने बताया कि 29 श्रम कानूनों को चार सरल श्रम संहिताओं में समाहित करने से श्रम कल्याण, सार्वभौमिक मजदूरी और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा मिला है। इसके साथ ही सुरक्षित कार्य स्थितियों को सुनिश्चित किया गया है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन सुधारों ने पंजीकरण, लाइसेंस और अनुपालन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करके व्यापार करने में आसानी में भी सुधार किया है। ये सकारात्मक संकेतक हमारे सुधारों और पहलों के प्रभाव को रेखांकित करते हैं। उन्होंने कहा कि श्रम सुधार भारत की कार्यबल नीतियों को आधुनिक बनाने के प्रयासों का आधार रहे हैं। मनुसख मंडाविया ने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाना एक और महत्वपूर्ण फोकस क्षेत्र है, उन्होंने कहा कि भारत के केंद्रीय बजट 2025-26 में 2047 तक 70 फीसदी महिला कार्यबल भागीदारी हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा गया है।

उन्‍होंने जनसांख्यिकीय लाभांश का लाभ उठाने के बारे में कहा कि भारत की 65 फीसदी आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है। इसलिए कौशल विकास एक राष्ट्रीय प्राथमिकता है। उन्‍होंने कहा कि भारतीय स्नातकों की रोजगार क्षमता 2013 में 33.95 फीसदी से बढ़कर 2024 में 54.81 फीसदी हो गई है। श्रम एवं रोजगार मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय करियर सेवा पोर्टल ने 440 मिलियन से अधिक नौकरियों के अवसर उपलब्ध कराए हैं।

मनुसख मंडाविया ने कहा कि कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का आधुनिकीकरण किया गया है, ताकि अधिक श्रमिकों को इसका लाभ मिल सके। उन्‍होंने कहा कि ई-श्रम पोर्टल में 30 करोड़ से अधिक पंजीकृत असंगठित श्रमिक हैं। उन्‍होंने श्रमिकों के कल्याण को समर्पित ईएसआईसी के 74वें स्थापना दिवस पर सभी को शुभकामनाएं दी।
साभार – हिस

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