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संपत्तियों की ई-नीलामी के लिए नया पोर्टल बैंकनेट लॉन्च, एक प्लेटफॉर्म पर मिलेगी सारी जानकारी

नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम नागराजू ने वाणिज्यिक संपत्तियों, औद्योगिक प्लॉट, कृषि और गैर कृषि भूमि, वाहनों तथा दुकानों की ई-नीलामी के लिए शुक्रवार को बैंकनेट के नाम से नया पोर्टल लॉन्च किया। ये पोर्टल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से ई-नीलामी वाली संपत्तियों का पूरा ब्योरा इकट्ठा करके खरीदारों और निवेशकों के लिए एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराएगा।
वित्त मंत्रालय के अनुसार इस पोर्टल पर खरीदार और निवेशक एक ही स्थान पर अपनी आवश्यकता के अनुसार संपत्ति को खोज सकेंगे। पोर्टल पर संपत्तियों की सूची में फ्लैट, इंडिपेंडेंट हाउस और ओपन प्लॉट जैसी आवासीय संपत्तियों का तो उल्लेख होगा ही, इसके साथ ही वाणिज्यिक संपत्तियां, औद्योगिक भूमि, औद्योगिक भवन, दुकान, वाहन, मशीनरी तथा कृषि एवं गैर कृषि भूमि को भी इस सूची में शामिल किया जाएगा। ये पोर्टल ई-नीलामी के लिए उपलब्ध संपत्तियों के विवरणों को एक स्थान पर एकत्र करके उन्हें खोजने और उनके लिए होने वाली ई-नीलामी में भाग लेने की प्रक्रिया को सरल बनाएगा, जिससे खरीदारों और निवेशकों के लिए अवसरों की पहचान करना आसान हो जाएगा।
इस मौके पर वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम नागराजू ने कहा कि इस ई-नीलामी प्लेटफॉर्म की शुरुआत से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को वसूली प्रक्रिया में काफी सहायता मिलेगी, जिससे बैंकों की बैलेंस शीट में सुधार होगा और व्यवसायों और व्यक्तियों के लिए ऋण उपलब्धता बढ़ेगी। उन्होंने इस पहल में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, भारतीय दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) और ऋण वसूली न्यायाधिकरणों (डीआरटी) द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया और कहा कि उनका सहयोग इस मंच की सफलता की कुंजी है। नागराजू ने कहा कि इस प्लेटफॉर्म से संकटग्रस्त संपत्तियों का मूल्यांकन करके और निवेशकों का विश्वास बढ़ाकर समग्र आर्थिक माहौल को बेहतर बनाया जा सकेगा। प्रौद्योगिकी के उपयोग से ये प्रक्रिया अधिक पारदर्शी, कुशल और सुलभ होगी।
संशोधित पोर्टल में कई बेहतर और उन्नत सुविधाएं जोड़ी गई हैं। इसमें स्वचालित एवं एकीकृत भुगतान गेटवे और केवाईसी उपकरण, व्यय विश्लेषण के लिए डैशबोर्ड सुविधा और एक क्लिक पर अलग-अलग एमआईएस रिपोर्ट्स भी उपलब्ध होंगी। ग्राहकों के लिए कॉलबैक अनुरोध सुविधा के साथ एक समर्पित हेल्पडेस्क और कॉल सेंटर सुविधा भी दी गई है। वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) द्वारा पोर्टल का प्रभावी और कुशल उपयोग सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक बैंक अधिकारियों और डीआरटी में सभी वसूली अधिकारियों को बैंकनेट की खासियतों के बारे में पहले ही प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
साभार – हिस

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