नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को फिक्की से देश में नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन फंड का उपयोग करने का आग्रह किया। गोयल ने कहा कि उद्योग जगत को अनुसंधान एवं विकास पारिस्थितिकी तंत्र को परिणामोन्मुखी और समय कुशल बनाने के लिए सुझाव देने चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) की 97वीं वार्षिक आम बैठक और वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया, सौभाग्य योजना, पीएमजीकेएवाई, स्वच्छ भारत मिशन एक माला की तरह भारत के तेजी से परिवर्तन में योगदान करते हैं। वाणिज्य मंत्री ने देशभर के औद्योगिक पार्कों में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए “स्वच्छ उद्योग पार्कों में उत्कृष्टता” पुरस्कार श्रेणी के आयोजन के लिए फिक्की की सराहना की। उन्होंने कहा कि उद्योग द्वारा नवाचार को बढ़ावा देने और देश में अनुसंधान आधारित पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए नए संचालित अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एएनआरएफ) के तहत सरकार द्वारा आवंटित 1 लाख करोड़ रुपये का उपयोग किया जाना चाहिए।
गोयल ने उद्योग जगत से कहा कि युवाओं को नवाचार को बढ़ावा देने और देश में अनुसंधान आधारित पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए तैयार किया जाना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत को अनुसंधान एवं विकास पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने में मदद करने की सरकारी पहल उद्योग जगत के नेताओं की रुचि को दर्शाएगी। उन्होंने प्रतिभागियों से धन प्राप्त करने की प्रक्रियाओं को परिणामोन्मुखी और समय कुशल बनाने के लिए सुझाव देने का आग्रह किया। उन्होंने लोगों की जरूरतों को पूरा करने और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उद्योग के साथ नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए उद्योग-अकादमिक-सरकार साझेदारी का हिस्सा बनने के लिए निजी क्षेत्र के संस्थानों को लाने की भी वकालत की।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में डिजिटल इंडिया, प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना-सौभाग्य, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई), आयुष्मान भारत और ‘एक हार में मोती’ जैसी अन्य पहलों ने भारत के तेजी से बदलाव में योगदान दिया है। राष्ट्र के भविष्य को आकार देने के लिए प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) की सराहना करते हुए उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि स्वच्छता के प्रति जागरुकता एक क्रांति है जिसे प्रधानमंत्री ने शुरू किया है। गोयल ने उद्योग जगत के नेताओं से अधिक सक्रिय भूमिका निभाने और अनुपालन बोझ को कम करने और व्यवसायों के लिए हानिकारक कानूनों को अपराधमुक्त करने के अपने एजेंडे में सरकार के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया, जिससे व्यापार करने में आसानी में सुधार होगा। मंत्री ने कहा कि फिक्की को केंद्र को अपना काम बेहतर ढंग से करने में मदद करने के लिए फीडबैक तंत्र बनना होगा।
वैश्विक स्तर पर भारत के बढ़ते महत्व के बारे में मंत्री ने कहा कि देश ने दुनिया का विश्वास अर्जित किया है और इसके व्यवसाय तेजी से वैश्विक मूल्य शृंखलाओं का हिस्सा बन रहे हैं। ग्लोबल साउथ के लिए भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में इसे दुनिया के विकास इंजन के रूप में देखा जाता है। देश में गुणवत्ता मानकों को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए मंत्री ने फिक्की से अपनी तकनीकी समितियों का उपयोग करने और मानकों को बनाए रखने के लिए प्रत्येक उद्योग से एक प्रतिनिधि नियुक्त करने का आग्रह किया। गोयल ने कहा कि इस तरह गुणवत्ता मानक अधिक व्यावहारिक, उपयोगी होंगे और भारत को वस्तुओं और सेवाओं के गुणवत्ता उत्पादक के रूप में पहचान दिलाने में मदद करेंगे। भारत न केवल एक विश्वसनीय भागीदार होगा बल्कि गुणवत्तापूर्ण वस्तुओं का प्रदाता भी होगा। उन्होंने कहा कि यह एक शक्तिशाली संयोजन होगा जो विकसित भारत की ओर हमारी यात्रा को परिभाषित करेगा।
साभार – हिस
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