नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड सीबीडीटी ने पैन-आधार को लिंक करने से पहले कटौतीकर्ता, संग्रहकर्ता की मृत्यु की स्थिति में टीडीएस और टीसीएस के प्रावधानों में ढील प्रदान की है। सीबीडीटी ने धारा 206एए और 206सीसी के तहत उच्च टीडीएस, टीसीएस दरों से करदाताओं को ये राहत दी है।
वित्त मंत्रालय ने बुधवार को जारी बयान में बताया कि करदाताओं के वास्तविक कठिनाइयों को देखते हुए सीबीडीटी ने 5 अगस्त, 2024 को जारी परिपत्र संख्या 8/2024 के तहत ये राहत दी है। सीबीडीटी ने पैन-आधार लिंक करने से पहले करदाता/संग्रहकर्ता की मृत्यु की स्थिति में आयकर अधिनियम, 1961 के अनुसार टीडीएस-टीसीएस के प्रावधानों में छूट दी है।
मंत्रालय ने बताया कि सीबीडीटी ने दिनांक 23 अप्रैल, 2024 को परिपत्र संख्या 06/2024 जारी किया था, जिसके तहत 31 मार्च, 2024 तक किए गए लेन-देन के लिए पैन-आधार को लिंक करने के लिए करदाताओं को 31 मई, 2024 तक का अवसर प्रदान किया, ताकि आयकर अधिनियम की धारा 206एए1206सीसी के तहत कर की उच्च कटौती/संग्रह से बचा जा सके।
आयकर अधिनियम की धारा 206AA/206CC में कटौतीकर्ता/संग्रहकर्ता को पैन प्रस्तुत करने का प्रावधान किया गया है। ऐसा न करने पर उच्च दरों पर टीडीएस/टीसीएस लगाने का प्रावधान है। इन धाराओं में ये भी प्रावधान है कि यदि प्रस्तुत किया गया पैन अमान्य है, तो इसे पैन प्रस्तुत न करने के बराबर माना जाएगा।
दरअसल ये सीबीडीटी के 23 अप्रैल, 2024 को पहले से जारी परिपत्र संख्या 6 के क्रम से संबंधित है, जिसमें करदाताओं के लिए पैन-आधार को जोड़ने की तिथि 31 मई, 2024 तक (31 मार्च, 2024 तक किए गए लेन-देन के लिए) बढ़ा दी गई थी, ताकि अधिनियम के अनुसार उच्च टीडीएस/टीसीएस से बचा जा सके। मंत्रालय ने कहा कि सीबीडीटी की ओर से दिनांक 23 अप्रैल, 2024 को जारी परिपत्र संख्या 06/2024 और परिपत्र संख्या 08/2024 दिनांक 05 अगस्त, 2024 www.incometaxindia.gov.in पर उपलब्ध हैं।
साभार – हिस