-
म्यांमार से दालों का आयात करने के लिए भुगतान तंत्र को सरल बनाया गया
-
दालों के भंडार का लिया जायजा, 15 अप्रैल से स्टॉक की जानकारी देना जरूरी
नई दिल्ली। चुनावी सीजन में दालों की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण के लिए सरकार ने कमर कस ली है। उपभोक्ता मामलों के सचिव ने इसको लेकर कई पक्षों के साथ बैठकें की। बैठक में दालों के भंडार और उपलब्धता का जायजा लिया गया है।
उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्रालय ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि उपभोक्ता मामलों के सचिव निधि खरे ने दालों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए दाल उद्योग के हितधारकों के साथ बैठकें की हैं। निधि खरे ने म्यांमार से दालों के आयात से संबंधित मुद्दों पर यांगून में भारतीय मिशन के साथ भी बैठक की है।
मंत्रालय के मुताबिक उपभोक्ता मामलों के सचिव ने 15 अप्रैल, 2024 से ऑनलाइन स्टॉक मॉनिटरिंग के संचालन के लिए दाल उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत में इस बात पर जोर दिया कि दालों के वायदा व्यापार में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति से आवश्यक प्रावधानों के अनुसार सख्ती से निपटा जाएगा। मंत्रालय के मुताबिक म्यांमार से दालों का आयात करने वाले व्यापारियों के लिए भुगतान तंत्र को और आसान तथा सरल बनाया गया है।
उल्लेखनीय है कि भारत घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए दालों के आयात पर निर्भर है। देश में म्यांमार से तुअर यानी अरहर और उड़द दाल का आयात करता है। भारतीय दूतावास ने व्यापार और लेन-देन को सरल बनाने के लिए इस साल 25 जनवरी, 2024 से रुपया/क्यात निपटान तंत्र चालू कर दिया है। सेंट्रल बैंक ऑफ म्यांमार ने 26 जनवरी, 2024 को एसआरवीए के तहत भुगतान प्रक्रियाओं के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं।
साभार – हिस