नई दिल्ली, करदाताओं ने सरकार की झोली में इतने पैसे डाल दिए कि एक नया रिकॉर्ड ही बन गया। देश का प्रत्यक्ष कर संग्रह वित्त वर्ष 2022-23 में 10 फरवरी तक 15.67 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि के सकल संग्रह से 24.09 फीसदी अधिक है।
वित्त मंत्रालय ने शनिवार को जारी बयान में बताया कि चालू वित्त वर्ष में 10 फरवरी तक प्रत्यक्ष कर संग्रह 15.67 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले वित्त वर्ष (2021-22) के मुकाबले 24.09 फीसदी ज्यादा है। प्रत्यक्ष कर संग्रह में आयकर रिफंड को हटाने के बाद उसका संग्रह 12.98 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के शुद्ध संग्रह से 18.40% अधिक है। दरअसल, ये केंद्र सरकार के पिछले बजट के कर संग्रह अनुमान का 91.39 फीसदी है। डायरेक्ट टैक्स के संशोधित अनुमान का ये 78.65 फीसदी है।
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक कॉरपोरेट इनकम टैक्स की ग्रोथ इस साल 19.33 फीसदी रही है, जबकि आम आदमी के जरिए भरे जाने वाले आयकर में 29.63 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई है। रिफंड के बाद कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन की ग्रोथ 15.84 फीसदी रही है, जबकि आम आदमी के टैक्स कलेक्शन का ग्रोथ रेट 21.93 फीसदी रहा है।
वित्त मंत्रालय ने बताया कि आयकर विभाग ने 01 अप्रैल, 2022 से 10 फरवरी, 2023 तक की अवधि के दौरान 2.69 लाख करोड़ रुपये के रिफंड एप्लिकेशन को प्रोसेस कर दिया है, जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 61.58 फीसदी अधिक है।
साभार- हिस
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