सेना के रिटायर्ड अफसरों और जवानों को फ्रॉड का शिकार बनाए जाने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। उनके साथ फ्रॉड के लिए तरह-तरह के तरीकों का इस्तेमाल हो रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि नौकरी से रिटायर होने के बाद जब अफसर और जवाब सिविलियन लाइफ में आते हैं तो उनमें फाइनेंशियल मामलों को लेकर जानकारी का अभाव होता है
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