Wed. Apr 16th, 2025
Mr Swadesh Kumar Routray स्वदेश कुमार राउतराय
  • किफायती आवास क्षेत्र को बढ़ावा देने की उम्मीद

  • किफायती आवास की परिभाषा को यूनिट की कीमत से अलग किया जाये – स्वदेश कुमार राउतराय

भुवनेश्वर। आगामी माह केंद्र सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले केंद्रीय बजट को लेकर रीयल एस्टेट सेक्टर महत्वपूर्ण नीतिगत सुधारों की उम्मीद कर रहा है, ताकि देश में सिमटते किफायती आवास क्षेत्र को बढ़ावा मिल सके। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी योजना (सीएलएसएस) जैसी पहल और डेवलपर्स के लिए कर प्रोत्साहन इस क्षेत्र के विस्तार में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
कॉन्फेडरेशन ऑफ रीयल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) ने भी केंद्र सरकार से किफायती आवास की परिभाषा में बदलाव करने का अनुरोध किया है, ताकि यूनिट की कीमत और कार्पेट एरिया के बीच की शर्त को हटाया जा सके।
क्रेडाई ओडिशा के अध्यक्ष स्वदेश कुमार राउतराय ने कहा कि क्रेडाई ओडिशा किफायती आवास की परिभाषा को यूनिट की कीमत से अलग करने और मेट्रो शहरों के लिए सीमा को 70 वर्ग मीटर तथा टियर 1 शहरों के लिए 90 वर्ग मीटर करने का सुझाव देता है। ये संशोधन डेवलपर्स को किफायती आवास परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे और विभिन्न आय वर्गों के लिए घर खरीदने को अधिक सुलभ बनाएंगे।
उन्होंने कहा कि उद्योग जगत को उम्मीद है कि इस बजट में इन सुझावों पर विचार करते हुए किफायती आवास क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
क्रेडाई का सुझाव:
• किफायती आवास की परिभाषा से यूनिट की कीमत का संबंध हटे
• मेट्रो शहरों के लिए सीमा 70 वर्ग मीटर और टियर 1 शहरों के लिए 90 वर्ग मीटर हो
• डेवलपर्स के लिए कर प्रोत्साहन की उम्मीद

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By desk

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