Home / Uncategorized / रक्तदान के प्रति जागरुकता फैलाने को अभामामस का वेबिनार आयोजित

रक्तदान के प्रति जागरुकता फैलाने को अभामामस का वेबिनार आयोजित

कटक. अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन रक्तदान परियोजना के अंतर्गत 22 जनवरी से 10 फरवरी तक दूसरे चरण का रक्तदान अभियान जारी है. देश की विभिन्न शाखाओं में इसमें अब तक 1050 से अधिक यूनिट रक्त संग्रहित हुआ है. सबके मन में इसके प्रति जागरुकता लाने हेतु सम्मेलन की राष्ट्रीय रक्तदान, नेत्रदान, अंगदान प्रकल्प प्रमुख श्रीमती संध्या अग्रवाल ने राष्ट्रीय स्तर पर एक वेबीनार का आयोजन किया. कार्यक्रम के शुभारंभ में गणेश वंदना, संस्था की प्रार्थना एवं रक्तदान पर स्वरचित गीत प्रस्तुत किया कटक की कोकिलकंठा अनुराधा मोदी ने. मुख्य अतिथि थीं दिल्ली से पद्मश्री शीला झुनझुनवाला, जो कि अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन की वर्ष 92-94 की राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुकी हैं, कर्नल सरत महापात्र, जिनकी 1971 में भारत पाकिस्तान युद्ध,1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार एवं 1999 कारगिल युद्ध में प्रत्यक्ष भागीदारी थी, ऐसे वीर पुरुष के अनुभव भरे शब्दों से सभी प्रभावित हुए. उन्होंने यह संदेश दिया कि जिस तरह युद्ध में वीर जवान देश के लिए अपना रक्त बहाते हैं, उसी तरह अच्छे नागरिकों का कर्तव्य है कि समाजहित एवं देशहित के लिए ज़रूरतमंदों के लिए समय-समय पर अपना रक्तदान करें.

अनिल कुमार जाजोदिया वाराणसी से वेबिनार में जुड़े. वे एक प्रेरक वक्ता, कुशल प्रशिक्षक हैं. इस वेबिनार मैं उन्होंने पी.पी.टी. के द्वारा रक्तदान के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया. उनके अनुभवयुक्त भाषण से रक्तदान के विषय में बहुत कुछ सीखने मिला.

अ.भा.मा.म.स. की राष्ट्रीय अध्यक्ष शारदाजी लखोटिया; राष्ट्रीय सचिव रेखाजी लखोटिया; निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष उषा किरण, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष, राष्ट्रीय संपादिका; राष्ट्रीय प्रकल्प प्रमुख; राष्ट्रीय अंचल प्रमुख सभी की गरिमामई उपस्थिति थी. सभी प्रदेशों की अध्यक्ष, प्रकल्प प्रमुख एवं समिति की लगभग 175 सदस्याएं कार्यक्रम में शामिल थीं.

कार्यक्रम का विशेष आकर्षण था दो मिनट का विडियो, जो कि सदस्याओं ने रक्तदान की सत्य घटनाओं पर आधारित थी. उल्लेखनीय है कि कोई थैलिसीमिया से पीड़ित 12 वर्ष की लड़की को गोद लिया है और हर बार रक्तदान कर दे करके उनका जीवन बचा रहे हैं, तो कहीं नवविवाहित जोड़ा रक्तदान किया है, तो वहीं पर सालगिरह के दिन स्वयं अपने मित्रों के साथ जाकर के रक्तदान करवाया है. इस तरह की घटनाएं उपस्थित सभी के मनों में रक्तदान के प्रति नवसंचार किया.

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में विशेष सहयोग रहा-पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महाराष्ट्र से कुमकुमजी; राष्ट्रीय उत्तरांचल प्रमुख अंजू जी; झारखंड प्रांतीय अध्यक्ष रेणु दुदानी; गिरिडीह से तूलिकाजी; कटक रक्तदान, नेत्रदान प्रमुख रितुजी मोड़ा. यह जानकारी अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन नारी शक्ति कटक शाखा ओडिशा की अध्यक्ष संतोषी चौधरी ने दी.

Share this news

About desk

Check Also

ODISHA CM MAJHI इको और एडवेंचर टूरिज्म के लिए ओडिशा बने आदर्श गंतव्य : मोदी कहा- प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक धरोहर और अपार संभावनाओं से भरपूर है राज्य भुवनेश्वर। ओडिशा राज्य प्राकृतिक सौंदर्य, समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन की असीम संभावनाओं के लिए प्रसिद्ध है। लगभग 30% क्षेत्र में फैले घने वन, 500 किलोमीटर से अधिक लंबा तटीय क्षेत्र और विश्व धरोहर में शामिल जगन्नाथ मंदिर और कोणार्क सूर्य मंदिर जैसे ऐतिहासिक स्थल इसे इको और एडवेंचर टूरिज्म का आदर्श गंतव्य बनाते हैं। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित जनता मैदान में उत्कर्ष ओडिशा : मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 2025 का उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इको टूरिज्म को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कहा कि यह राज्य हर प्रकार के अनुभव के लिए बेहतरीन डेस्टिनेशन है। राज्य सरकार और निजी क्षेत्र को मिलकर इस क्षेत्र में काम करना चाहिए ताकि एक नई पर्यटन क्रांति की शुरुआत हो सके। इको और एडवेंचर टूरिज्म की संभावनाएं ओडिशा का विविध भौगोलिक परिदृश्य इसे इको और एडवेंचर टूरिज्म के लिए आदर्श बनाता है। उल्लेखनीय है कि चिलिका झील, सिमिलिपाल नेशनल पार्क, भीतरकनिका नेशनल पार्क और सातकोसिया अभ्यारण्य जैसे स्थानों पर इको टूरिज्म की अनंत संभावनाएं हैं। ट्रैकिंग, बर्ड वॉचिंग, बोटिंग और जंगल सफारी जैसे एडवेंचर एक्टिविटीज के लिए यह स्थान उपयुक्त हैं। तटीय क्षेत्र में पुरी और चांदीपुर जैसे समुद्री तट पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इसके अलावा, समुद्री खेल गतिविधियों के विकास की भी बड़ी संभावनाएं हैं। सांस्कृतिक धरोहर की खासियत जगन्नाथ पुरी मंदिर, कोणार्क सूर्य मंदिर और लिंगराज मंदिर जैसे ऐतिहासिक धरोहरों के कारण ओडिशा सांस्कृतिक पर्यटन का भी प्रमुख केंद्र है। मोदी ने कहा कि हाल ही में जी20 सम्मेलन में कोणार्क मंदिर के पहिए की प्रस्तुति ने वैश्विक मंच पर राज्य की सांस्कृतिक पहचान को और मजबूत किया है। सरकार और निजी क्षेत्र की भूमिका उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। निजी क्षेत्र को भी इस दिशा में निवेश के लिए आगे आना चाहिए, ताकि आधुनिक सुविधाओं के साथ पर्यावरण-संवेदनशील पर्यटन स्थलों का विकास किया जा सके। इको-फ्रेंडली रिसॉर्ट्स, एडवेंचर कैंप्स और पर्यटन गाइड सेवाओं का विकास इस दिशा में महत्वपूर्ण होगा। पर्यावरण संरक्षण के साथ विकास की पहल इको टूरिज्म के विकास से न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि स्थानीय समुदायों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे। यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि इको और एडवेंचर टूरिज्म का विकास राज्य की पहचान को वैश्विक स्तर पर मजबूत करेगा। राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक संसाधन इसे एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाते हैं। यदि राज्य सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर इस दिशा में काम करें, तो न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक धरोहरों के संवर्धन में भी योगदान होगा।

ओडिशा में सभी 30 जिलों में उद्योग स्थापना के लिए पार्क बनेंगे

मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने की घोषणा भुवनेश्वर। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने भुवनेश्वर के …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *