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ईएमआई कम करने के लिए ब्याज बंद करने की मांग

  •  ओडिशा से बस मालिकों ने आरबीआई से किया आग्रह

भुवनेश्वर. कोविद-19 संकट के मद्देनजर ऑल ओडिशा बस ओनर्स एसोसिएशन ने सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से अनुरोध किया कि वह राज्य में बस मालिकों के लिए ईएमआई को समाप्त करने और एक साल के लिए ब्याज माफ कर दे. एक पत्र में एसोसिएशन ने आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास से अनुरोध किया कि वे राज्य के सभी बैंकों को ऋण की किस्तें माफ करने और ब्याज माफ करने को कहें. एसोसिएशन के सचिव देवेंद्र साहू ने कहा कि कोरोना को लेकर जारी प्रतिबंधों ने राज्य में बस मालिकों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है. कुल बसों में से केवल चार प्रतिशत ही चलती हैं, जिनमें ज्यादातर बसों बहुत कम ही यात्री सवार होते हैं. इस तरह के संकट से घिरे हमने आरबीआई गवर्नर को एक पत्र लिखा है, जिसमें उनसे ऋणों पर ईएमआई और ब्याज का भुगतान करने से छूट देने का अनुरोध किया गया है. बस मालिक अपने कर्मचारियों को वेतन देने में असफल हो रहे हैं. हमने इस संबंध में राज्य के वित्त मंत्री से भी संपर्क किया है और उनसे इस मामले को देखने का अनुरोध किया है. कोविद-19 प्रतिबंधों के कारण राज्य में 14,000 से अधिक बसें सड़कों से दूर हैं. पिछले कई महीनों से 56,000 कर्मचारी आय के स्रोत के साथ खर्चों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. विशेष रूप से एसोसिएशन ने 28 मई से बस सेवाओं को फिर से शुरू करने का फैसला किया, जब राज्य सरकार ने तीन महीने के लिए मोटर वाहन कर माफ करने की उनकी मांग पर विचार किया थी. प्रारंभ में, एसोसिएशन ने सभी कोविद-19 दिशानिर्देशों का पालन करते हुए कुल 14,000 बसों में से 4,000 से 5,000 बसों को चलाने का निर्णय लिया. हालांकि, ज्यादातर लोग महामारी के डर से यात्रा करने के लिए अनिच्छुक हैं. बस सेवाएं अभी भी पूरे राज्य में पूरी तरह से संचालित नहीं हो पायी हैं.

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