भुवनेश्वर. राजधानी भुवनेश्वर के केंद्र में स्थित एकाम्र हाट के कारीगर और व्यापारियों की मुश्किलें पीछा नहीं छोड़ रही हैं. कोरोना को लेकर पहले लाकडाउन और शटडाउन ने अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया और अब बिजली और पानी की आपूर्ति के लिए की समस्या सिर पर खड़ी है. व्यापारियों ने आरोप लगाया कि हाट में आवश्यक बिजली और पानी की आपूर्ति 31 जुलाई से बंद कर दी गई है. इससे कारीगरों को सूरज ढलने के बाद उनके काम के लिए लैंप और मोमबत्तियों पर निर्भर रहना पड़ रहा है.
सूत्रों ने कहा कि स्थानीय अधिकारी एकाम्र हाट के नवीनीकरण की योजना बना रहे हैं और इसलिए उन्होंने पानी और बिजली की आपूर्ति को काट दिया है. दूसरी ओर बाजार के स्टाल मालिकों ने आरोप लगाया कि बिना किसी पूर्व सूचना की आपूर्ति में कटौती की गई और यहां तक कि हाट प्राधिकरण शाम को भी ग्राहकों को अनुमति नहीं दे रहे हैं. एक व्यापारी ने आरोप लगाया कि हाट में बिजली या पानी की आपूर्ति नहीं है. हमें पीने योग्य पानी भी नहीं मिल रहा है.
जम्मू-कश्मीर के एक कारीगर ने कहा कि पिछले पांच दिनों से बिजली नहीं है. हम पहले से ही लॉकडाउन के कारण आजीविका के लिए संघर्ष कर रहे थे. अगस्त में प्रतिबंधों को कम किए जाने के बाद मुझे कुछ पैसे कमाने की उम्मीद थी, लेकिन बिजली और पानी की समस्या के कारण हम ग्राहकों को उत्पाद नहीं दिखा पा रहे हैं. मैं राज्य सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह हमारी मदद करे. कारीगरों के संघ के सचिव चिंतामणि बिश्वाल ने संबंधित प्रशासन के कदम की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि राज्य और देश के कारीगर यहां फंसे हुए हैं. मुश्किलें पहले से ही खड़ी हैं और अब हाट में बिजली और पानी की आपूर्ति में कटौती के बाद उनके दुःख दोगुने हो गए हैं.