भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार नौ अप्रैल को लाल चंदन लकड़ी की वैश्विक ई-नीलामी के चौथे चरण का आयोजन करेगी। यह नीलामी ई-टेंडरिंग प्रक्रिया के माध्यम से की जाएगी, जिससे अंतरराष्ट्रीय खरीदार भी इस बहुमूल्य लकड़ी की बिक्री में भाग ले सकेंगे।
वन एवं पर्यावरण मंत्री गणेश राम सिंह खुंटिया ने मंगलवार को ओडिशा विधानसभा में विधायक अरुण साहू के प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी।
ओडिशा में कुल 4,539 लाल चंदन के वृक्ष हैं, जिनमें से 2,071 प्राकृतिक रूप से उग चुके हैं, जबकि 2,468 वृक्ष वनरोपण कार्यक्रम के तहत लगाए गए हैं।
लाल चंदन की आर्थिक और पर्यावरणीय महत्ता को देखते हुए ओडिशा सरकार ने वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधीन विदेशी व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) से इसकी बिक्री की अनुमति मांगी थी। इसके तहत 810.1894 मीट्रिक टन लाल चंदन के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटाया गया, जो 6 सितंबर 2025 तक मान्य रहेगा।
ई-नीलामी और राजस्व अर्जन
अनुमति मिलने के बाद ओडिशा वन विकास निगम (ओएफडीसी) ने 809.7844 मीट्रिक टन लाल चंदन की वैश्विक ई-नीलामी और ई-टेंडरिंग प्रक्रिया शुरू की है। इस प्रक्रिया को कई चरणों में विभाजित किया गया है, जिनमें से अब तक तीन चरण पूरे हो चुके हैं।
अब तक 38.7082 मीट्रिक टन लाल चंदन लकड़ी बेची जा चुकी है और अब तक इन बिक्री से राज्य सरकार को 137 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है।
रखरखाव पर बड़ा खर्च
लाल चंदन के भंडार की सुरक्षा और उचित देखभाल पर हर साल 1 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आता है। नौ अप्रैल को होने वाली आगामी ई-नीलामी से ओडिशा सरकार को भारी राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है, जिससे कानूनी और सतत व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
वन एवं पर्यावरण मंत्री गणेश राम सिंह खुंटिया ने मंगलवार को ओडिशा विधानसभा में विधायक अरुण साहू के प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी।
ओडिशा में कुल 4,539 लाल चंदन के वृक्ष हैं, जिनमें से 2,071 प्राकृतिक रूप से उग चुके हैं, जबकि 2,468 वृक्ष वनरोपण कार्यक्रम के तहत लगाए गए हैं।
लाल चंदन की आर्थिक और पर्यावरणीय महत्ता को देखते हुए ओडिशा सरकार ने वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधीन विदेशी व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) से इसकी बिक्री की अनुमति मांगी थी। इसके तहत 810.1894 मीट्रिक टन लाल चंदन के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटाया गया, जो 6 सितंबर 2025 तक मान्य रहेगा।
ई-नीलामी और राजस्व अर्जन
अनुमति मिलने के बाद ओडिशा वन विकास निगम (ओएफडीसी) ने 809.7844 मीट्रिक टन लाल चंदन की वैश्विक ई-नीलामी और ई-टेंडरिंग प्रक्रिया शुरू की है। इस प्रक्रिया को कई चरणों में विभाजित किया गया है, जिनमें से अब तक तीन चरण पूरे हो चुके हैं।
अब तक 38.7082 मीट्रिक टन लाल चंदन लकड़ी बेची जा चुकी है और अब तक इन बिक्री से राज्य सरकार को 137 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है।
रखरखाव पर बड़ा खर्च
लाल चंदन के भंडार की सुरक्षा और उचित देखभाल पर हर साल 1 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आता है। नौ अप्रैल को होने वाली आगामी ई-नीलामी से ओडिशा सरकार को भारी राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है, जिससे कानूनी और सतत व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।