नई दिल्ली, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि एक लचीली अर्थव्यवस्था के लिए निष्पक्ष और मजबूत ऑडिट व्यवस्था जरूरी है, क्योंकि इससे नागरिकों में भरोसा पैदा होता है। गवर्नर दास ने सोमवार को यह बात नेशनल एकेडमी ऑफ ऑडिट एंड अकाउंट्स में अधिकारियों को संबोधित करते हुए कही।
आबीआई गवर्नर ने कहा कि ऑडिट देश के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि सार्वजनिक व्यय के फैसले इन्हीं रिपोर्ट पर आधारित होते हैं। उन्होंने कहा कि उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर पहले से अधिक आर्थिक फैसले किए जा रहे हैं। इसलिए गलत जानकारी के चलते अपेक्षा से कमतर निर्णय हो सकता है। दास ने कहा कि ऑडिट की गुणवत्ता में सुधार की जरूरत है। इसलिए रिजर्व बैंक ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों के ऑडिट में सुधार के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) की सलाह से कई कदम उठाए हैं।
शक्तिकांत दास ने कहा, ‘आरबीआई मानक में सुधार के लिए लगातार ऑडिटिंग के लिए हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहा है।’ रिजर्व बैंक गवर्नर ने बताया कि इस साल जनवरी में वाणिज्यिक बैंकों के लिए जोखिम आधारित आंतरिक लेखा परीक्षा प्रणाली को मजबूत किया गया है। इसके साथ ही आरबीआई ने लचीले वित्तीय क्षेत्र के निर्माण के लिए बैंकों, एनबीएफसी में मजबूत प्रशासनिक ढांचे पर जोर दिया है। इस अवसर पर आरबीआई गवर्नर ने ऑडिटर समुदाय से निरंतर आधार पर स्किल को अपडेट और बेहतर करने और अपने कार्य को सबसे प्रभावी तरीके से करने का आग्रह किया।
साभार-हिस