नई दिल्ली। भारतीय शूटिंग दल ने सोमवार को ओलंपिक डे के अवसर पर जश्न मनाया और आने वाले ओलंपिक खेलों में देश के लिए और अधिक पदक जीतने का विश्वास जताया। पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत ने शूटिंग की सभी 15 स्पर्धाओं में भाग लेने के लिए 21 सदस्यीय दल भेजा था। इस दौरान मनु भाकर ने इतिहास रचते हुए महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल और 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट (सरबजोत सिंह के साथ) में दो पदक जीतकर एक ही ओलंपिक संस्करण में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनीं। स्वप्नील कुसाले ने पुरुषों की 50 मीटर राइफल 3 पोजिशन में भारत को एकमात्र पदक दिलाया।
2024 ओलंपिक में भारत के कुल छह पदकों में से तीन पदक शूटिंग से आने के बाद इस खेल की लोकप्रियता देशभर में तेजी से बढ़ी और भारतीय निशानेबाजों को वैश्विक स्तर पर बड़ी पहचान मिली। हाल ही में म्यूनिख में संपन्न हुए आईएसएसएफ वर्ल्ड कप 2025 में भी भारतीय निशानेबाजों ने दो स्वर्ण और दो कांस्य समेत कुल चार पदक जीतकर अपना शानदार फॉर्म जारी रखा। अब खिलाड़ियों की नजरें 2028 में लॉस एंजेलेस में होने वाले अगले ओलंपिक खेलों पर टिकी हैं।
ओलंपिक डे हमें हमारे संघर्ष की याद दिलाता है: सरबजोत सिंह
पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले निशानेबाज सरबजोत सिंह ने कहा, “यह दिन हम सभी के लिए बेहद खास है क्योंकि यह हमें उस मेहनत की याद दिलाता है जो हमने ओलंपिक जैसे बड़े मंच पर देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए की थी। एक खिलाड़ी के लिए ओलंपिक में हिस्सा लेना ही सबसे बड़ी उपलब्धि होती है और जब आप वहां पदक जीतते हैं, तो वह पल जीवनभर याद रहता है।” 23 वर्षीय सरबजोत ने आगे कहा, “पेरिस ओलंपिक और हाल के शूटिंग टूर्नामेंट्स में मिली सफलता ने हम सभी के भीतर नई ऊर्जा भर दी है। हम पूरे आत्मविश्वास के साथ कह सकते हैं कि लॉस एंजेलिस ओलंपिक में भारतीय निशानेबाज और भी ज्यादा पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाएंगे।”
“लोगों की उम्मीद हमें आगे बढ़ने की ताकत देती है”: स्वप्नील कुसाले
ओलंपिक पदक विजेता स्वप्नील कुसाले ने भी सरबजोत की भावना को साझा करते हुए कहा, “पिछले साल ओलंपिक में मिली सफलता के कारण इस बार ओलंपिक डे मनाना और भी खास लग रहा है। अब लगता है कि पूरे देश की निगाहें हम पर हैं और हर कोई हमारी सफलता के लिए दुआ कर रहा है।” उन्होंने आगे कहा, “हालांकि यह एक अतिरिक्त जिम्मेदारी है, लेकिन साथ ही यह हमें प्रेरणा भी देती है कि हम अपने प्रदर्शन को और बेहतर करें और भारत को गौरवान्वित करें। मुझे पूरा भरोसा है कि 2028 लॉस एंजेलेस ओलंपिक में शूटिंग में भारत की पदक यात्रा एक नया अध्याय लिखेगी।”
क्या है ओलंपिक डे?
ओलंपिक डे की शुरुआत 1948 में हुई थी, जो 23 जून 1894 को पेरिस के सोरबोन में आधुनिक ओलंपिक खेलों की स्थापना की याद में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य दुनिया भर में उम्र, लिंग या क्षमता की परवाह किए बिना खेलों में भागीदारी को बढ़ावा देना है।
साभार – हिस