वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र काशी को विकास पथ पर आगे ले जाने की दिशा कई योजनाएं और नीतियां चलाई हैं। उन्हीं में से एक है सांसद खेल कूद प्रतियोगिता, जिसका उद्देश्य युवाओं को अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ संकल्पित होने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करना है।
प्रधानमंत्री ने सोमवार कोअपने वाराणसी दौरे के दूसरे दिन बरकी गांव में सांसद खेलकूद प्रतियोगिता के “वुशु” स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने और चैम्पियन ऑफ चैम्पियन बनने पर काशी के युवा खिलाड़ी ‘अंश तिवारी’ को सम्मानित किया। प्रधानमंत्री ने बधाई देते हुए कहा कि उनके दृढ़ संकल्प और कौशल ने सही मायने में देश को गौरवान्वित किया है।
प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित होने पर अंश तिवारी ने खुशी जताते हुए कहा, “माननीय प्रधानमंत्री जी से मिलकर और उनके हाथों से सम्मानित होकर जो अनुभूति प्राप्त हुई, उसको भूल पाना नामुमकिन है। मुझे गर्व होता है कि मैं माननीय प्रधानमंत्री जी के संसदीय क्षेत्र का निवासी हूँ तथा वो मेरे जैसे युवा खिलाड़ियों को सदैव आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। वो मेरे लिए अनुसणीय हैं। जिस प्रकार एक खिलाडी अपने जीवन काल में तमाम कठिनाइयों का सामना करते हुए, कड़ी मेहनत और लगन से उपलब्धि हासिल करता है। ठीक उसी प्रकार हमारे प्रधानमंत्री जी भी एक कुशल नेतृत्वकर्ता के रूप में देश को बुलंदियों पर ले जा रहे हैं। इसीलिए मैं उन्हें अपना आदर्श मानता हूँ।”
अंश बनारस हिंदू विश्व विद्यालय के सामाजिक विज्ञान संकाय में बी.ए. तृतीय वर्ष के छात्र हैं। साथ ही लामा फाइट क्लब में कोच गोपाल सेठ से प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं।
अंश खेल के साथ एक कुशल बाल कलाकर भी हैं। इन्होंने कई फिल्मों, धारावाहिकों, विज्ञापनों और नाटकों में अभिनय कर कला जगत में अपनी अलग पहचान बनाई हैं।
अंश ने अपनी इस उपलब्धि का सम्पूर्ण श्रेय अपने कोच गोपाल सेठ तथा “बनारस हिंदू विश्व विद्यालय” की वुशु खेल की इंचार्ज प्रोफेसर कविता वर्मा को दिया है। अंश ने विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डी. के. कापडी सर, प्रो. दीपक डोगरा सर,प्रो.राजीव सिंह सर, वैभव राय तथा समाज शास्त्र विज्ञान संकाय की विभागाध्यक्ष के प्रति भी अपनी कृत्यज्ञता जाहिर की है। युवा खिलाड़ी ने कहा कि बिना इन गुरुजनों के आशीर्वाद और सहयोग के मेरा इस उपलब्धि को प्राप्त कर पाना नामुमकिन था।
प्रधानमंत्री ने अंश तिवारी के अलावा सांसद खेलकूद प्रतियोगिता के विभिन्न खेलों जैसे कबड्डी, शतरंज, बैडमिंटन आदि स्पर्धाओं के विजेता खिलाड़ियों से भी बातचीत की और उनका अनुभव जाना।
साभार – हिस