सेंट जॉन्स, क्रिकेट वेस्टइंडीज (सीडब्ल्यूआई) ने शुक्रवार को वेस्टइंडीज और बारबाडोस के पूर्व खिलाड़ियों पैट्रिक “पीटर” लैश्ले और एंथोनी “टोनी” व्हाइट को श्रद्धांजलि दी है, जिनका हाल ही में निधन हो गया है।
स्टाइलिश बाएं हाथ के बल्लेबाज लैश्ले ने दिसंबर 1960 में ब्रिस्बेन के गाबा में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ प्रसिद्ध टाई टेस्ट में अपना टेस्ट डेब्यू किया। उन्होंने 1966 में हेडिंग्ले में इंग्लैंड के खिलाफ अपने अंतिम मैच के साथ चार टेस्ट मैच खेले। उनका प्रथम श्रेणी करियर लगभग 20 वर्षों तक का रहा। उन्होंने 85 मैच खेले, जिसमें 204 के उच्चतम स्कोर सहित 4932 रन बनाए।
खेल से संन्यास लेने के बाद लैश्ले ने बारबाडोस में प्रशासक के रूप में कई भूमिकाएँ निभाईं। वह एक राष्ट्रीय चयनकर्ता, कोच और बारबाडोस क्रिकेट एसोसिएशन के प्रबंधन बोर्ड के सदस्य थे।
वहीं, व्हाइट मध्यक्रम के आक्रामक बल्लेबाज थे और मध्यम गति के साथ-साथ ऑफ स्पिन गेंदबाजी भी करते थे। उन्होंने 1963 में इंग्लैंड का दौरा किया और बाद में 1965 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दो टेस्ट मैच खेले। उन्होंने सबीना पार्क में पदार्पण मैच में नाबाद 57 रन बनाकर शीर्ष स्कोर बनाया और वेस्टइंडीज को जीत दिलाई। उनके प्रथम श्रेणी रिकॉर्ड में 1000 से कम रन और 95 विकेट के साथ 31 मैच शामिल हैं।
सीडब्ल्यूआई के अध्यक्ष किशोर शैलो ने कहा कि पीटर लैश्ले को वेस्टइंडीज क्रिकेट में उस महान टीम के सदस्य के रूप में हमेशा याद किया जाएगा, जिसने सबसे प्रसिद्ध टेस्ट मैच खेला था, जो “हमारे समृद्ध इतिहास में सबसे यादगार क्षणों में से एक” था।
उन्होंने कहा, “उनके पास खेल का भरपूर ज्ञान था और उन्होंने बारबाडोस में कई खिलाड़ियों के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई, जिनमें से कई ने उच्चतम स्तर पर वेस्ट इंडीज का प्रतिनिधित्व किया।”
शैलो ने कहा कि टोनी व्हाइट शानदार खिलाड़ियों की उस पीढ़ी का हिस्सा थे जिन्होंने वेस्टइंडीज क्रिकेट के विकास की नींव रखने में मदद की।
उन्होंने कहा, “अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सीमित अवसरों के बावजूद, वह प्रथम श्रेणी स्तर पर लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी थे। उनके साथियों और विरोधियों द्वारा उन्हें बहुत सम्मान दिया जाता था। सीडब्ल्यूआई की ओर से, मैं पीटर और टोनी के परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।”
साभार -हिस